Thursday, December 9, 2010

चीन की कम्युनिस्ट सरकार बनवाएगी मस्जिदें


पेइचिंग।। धर्म को अफीम मानकर नई सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक ताना-बाना बनाने का ख्वाब देखने वाले चीनी कम्युनिस्टों ने धार्मिक तुष्टिकरण पर भी जोर देना शुरू कर दिया है। धर्म विहीन समाज की स्थापना करने का लक्ष्य लेकर चलने वाली चीनी कम्युनिस्ट सरकार अब एक खास धर्म को खुश करने के लिए मस्जिदें बनवाएगी। चीन की कम्युनिस्ट सरकार ने 2 करोड़ की तादाद वाली मुस्लिम आबादी को खुश करने के लिए देशभर में मस्जिदें बनाने का फैसला किया है। धार्मिक मामलों की देखरेख करने वाले विभाग के एक सीनियर ऑफिसर ने बताया कि अधिकारी देश में रहने वाली मुस्लिम आबादी की मजहबी दिक्कतें दूर करने की कोशिश कर रहे हैं। रोजगार और कमाई की तलाश में ज्यादातर मुस्लिम आबादी तटीय इलाकों का रुख कर चुकी है। कम्युनिस्ट सरकार के नियंत्रण वाले चीनी दैनिक ने स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन फॉर रिलीजियस अफेयर्स (सारा) के इस्लामिक डिपार्टमेंट के डिप्टी डायरेक्टर मा जिन के हवाले से लिखा है कि ज्यादा मस्जिदों, इस्लामिक भोजन और विशेष कब्रिस्तानों के अभाव की वजह से मुस्लिम आबादी 1978 से देश के भीतरी हिस्सों से बाहर जाने लगी। चीनी धर्मों पर 2009 में जारी सालाना रिपोर्ट के मुताबिक, 2008 तक देश की कुल मुस्लिम आबादी के 10 फीसदी से ज्यादा मुसलमान परंपरागत मुस्लिम बहुल पश्चिमी प्रांतों से तटीय शहरों का रुख कर गए। 75 फीसदी से ज्यादा मुसलमानों ने बेहतर कमाई और संभावनाओं की आस में अपना होमटाउन छोड़ दिया। मा के मुताबिक, झेजियांग प्रांत के यीवू शहर में हर साल मिडल ईस्ट से तकरीबन पांच हजार कारोबारी आते हैं। यहां एक फैक्ट्री बिल्डिंग को अस्थायी मस्जिद का रूप दे दिया गया है। उन्होंने बताया कि सरकार ने मस्जिदों के निर्माण और हर 10 साल में एकबार उनकी मरम्मत के लिए सभी स्तरों पर कम से कम 11 मिलियन अमेरिकी डॉलर की धनराशि जारी की है।

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