वाशिंगटन। आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैय्यबा का सालाना सैन्य बजट लगभग 52 लाख डालर है। एक अमेरिकी खुफिया जानकारी के मुताबिक इसमें से कुछ राशि जमात-उद-दावा [जेयूडी] की धर्मार्थ संबंधित गतिविधियों से भी आती है। इस बारे में अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के आदेशों पर यह जानकारी एकत्रित करके अगस्त, 2009 में पाकिस्तान के साथ इसे साझा किया था।जानकारी के मुताबिक हाफिज सईद लश्कर और जेयूडी दोनों का मुखिया बना हुआ है। धर्मार्थ वाली गतिविधियों से एकत्रित धन का भी एक हिस्सा आतंकी हमलों पर खर्च किया जाता है। गुट अपने लिए कई माध्यमों से कोष एकत्रित करता है, जिनमें से निजी अनुदान, गैर सरकारी संगठनों, मदरसों और दक्षिण एशिया में फैले व्यापारियों से मिलने वाला अनुदान प्रमुख है।जानकारी के मुताबिक सईद लश्कर का नेता है और जकीउर रहमान लखवी गुट का ऑपरेशन कमांडर है। दोनों मुंबई हमलों में अपनी भूमिका के चलते कुछ समय तक हिरासत में रहने के बावजूद गुट का संचालन कर रहे हैं।जानकारी में कहा गया है कि हम इस आकलन पर पहुंचे हैं कि उन्होंने पूरे दक्षिण एशिया में हमलों की योजना बनाई और उसे अंजाम दिया। मुंबई हमले समेत अन्य सभी हमलों की साजिश में जेयूडी की धर्मार्थ कार्यक्रमों के माध्यम से मिली राशि का भी इस्तेमाल किया गया।जानकारी में लश्कर नेताओं तक सीधी पहुंच बनाने का दावा करने वाले एक स्त्रोत के हवाले से कहा गया है कि लखवी इस राशि का उपयोग लश्कर की गतिविधियों के लिए हथियारों समेत पूरी सामग्री खरीदने में करता था। इसके अनुसार लश्कर में अर्थ संबंधी गतिविधियां देखने वाले मक्की ने 2002 में पश्चिम एशिया की कई बार यात्रा की, जिसे वह कोष जुटाने के सबसे बड़े साधन के तौर पर देखता था।
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