Thursday, December 2, 2010

नए ग्रह पर हो सकता है पानी


लंदन। वैज्ञानिकों ने हाल में पृथ्वी से मिलते जुलते एक ऐसे ग्रह की खोज का दावा किया है जिसके बारे में उनका अनुमान है कि पृथ्वी से केवल 40 प्रकाश वर्ष दूर यह ग्रह भाप की मोटी परत या घने धुंध से ढका हुआ है। डेलीमेल की खबर के मुताबिक यह ग्रह पृथ्वी से 2.6 गुना बड़ा है। इस ग्रह के खोज से वैज्ञानिकों को पहली बार सौर परिवार से अलग किसी ग्रह के वातावरण का विश्लेषण करने का मौका मिला है। ग्रह के वातावरण का विश्लेषण करने के लिए वैज्ञानिकों ने चिली स्थित यूरोपियन सदर्न आब्जर्वेटरी की 3.6 मीटर दूरबीन का इस्तेमाल किया। वैज्ञानिकों ने कहा कि इस बात की संभावना है कि ग्रह पर भाप के रूप में पानी मौजूद है। वैज्ञानिकों ने कहा कि एक तारे के चारों ओर चक्कर लगाने वाले जी जे 1214 बी नामक इस ग्रह के बादलों के नीचे हाइड्रोजन वाला वातावरण मौजूद हो सकता है। यह ग्रह जिस तारे का चक्कर लगा रहा है उससे इसकी दूरी 20 लाख किलोमीटर है। यह दूरी पृथ्वी की सूर्य से दूरी से 70 गुना कम है। इसी कारण वहां का वातावरण काफी गर्म है।

0 comments:

Post a Comment