काठमांडो। नेपाल की मुख्य विपक्षी माओवादी पार्टी ने भारतीय नक्सलियों के खिलाफ अर्द्धसैनिक बलों के प्रयोग की निंदा की है जबकि पार्टी प्रमुख पुष्प कमल दहल प्रचंड ने भारत को उनकी पार्टी का प्रमुख शत्रु करार दिया। यूसीपीएन [माओवादी] ने शनिवार को खत्म हुई सभा में भारतीय नक्सलियों के खिलाफ भारत सरकार द्वारा आपरेशन ग्रीन हंट अभियान चलाने की निंदा की। यूसीपीएन के करीबी सूत्रों के अनुसार, प्रचंड ने इस समस्या के शांतिपूर्ण समाधान की मांग की और भारतीय माओवादी आंदोलन का समर्थन करते हुए सुरक्षा बलों के हाथों नक्सली नेता और प्रवक्ता आजाद की हत्या की निंदा की। गौरतलब है कि भारतीय सुरक्षा बलों का कहना है कि आजाद का जुलाई में आंध्र प्रदेश में मुठभेड़ के दौरान मौत हुई थी।
सूत्रों ने कहा कि इस सभा में राजनीतिक परिपत्र पेश करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड ने भारत को अपनी पार्टी का प्रमुख शत्रु करार दिया लेकिन उनके सहयोगी बाबुराम भट्टाराइ ने इस विचार का समर्थन नहीं किया। इसके चलते अधिवेशन में इस मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं किया गया। प्रचंड ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने सभा में इस मुद्दे पर विचार विमर्श किया था और वे कोई अंतिम निर्णय करने से पहले केंद्रीय समिति में इस मुद्दे पर फिर बात करेंगे। प्रचंड, भट्टाराइ और वरिष्ठ नेता मोहन वैद्य तीनों ने राजनीतिक परिपत्र प्रस्तुत किए। इसकी वजह से देश की शंाति प्रक्रिया और नए संविधान के गठन को लेकर पार्टी की योजना पर कोई आम राय नहीं बन सकी। माओवादी नेता प्रचंड पहले भी भारत विरोधी बयान दे चुके हैं। प्रचंड ने यहां भारत पर नेपाल के मामलों में दखल देने और उसके नेताओं पर हावी होने के आरोप भी लगाए। माओवादियों ने अपने नेतृत्व में सरकार गठित नहीं होने का आरोप भी भारत पर लगाया। पार्टी सूत्रों के अनुसार, गोरखा जिले में हुई गुप्तसभा में माओवादियों ने वर्ष 1950 में हुए ऐतिहासिक समझौते सहित सभी गैरबराबर समझौतों को खत्म करने की मांग की। पार्टी ने भारत से नेपाल के मामलों में दखलअंदाजी रोकने की भी मांग की।
source:jagaran
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