कानकुन। मेक्सिको के शहर कानकुन में चल रहे जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में जहां एक तरफ दुनियाभर के प्रतिनिधि किसी समझौते पर पहुंचने के लिए संघर्षरत हैं, वहीं दूसरी ओर संयुक्त राष्ट्र विश्व मौसम संगठन [डब्ल्यूएमओ] ने अपनी रिपोर्ट में 2010 को सबसे गर्म साल घोषित किया है। डब्ल्यूएमओ के महासचिव माइकल जारौद ने बृहस्पतिवार को एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा, '1850 से एकत्र किए जा रहे जलवायु आंकड़ों में 2010 निश्चित रूप से शीर्ष तीन सबसे गर्म साल में से एक होगा। संभवत: सबसे गर्म।' हालांकि 2010 के बारे में अंतिम रूप से आंकडे़ अगले साल फरवरी में जारी होंगे। उन्होंने कहा, '2001 से 2010 के दशक ने एक नया रिकॉर्ड कायम किया है। यह अब तक रिकॉर्ड किया गया सबसे गर्म दशक होगा।' यह खाका यहां यूएन फ्रेमवर्क कंवेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज [यूएनएफसीसी] के अंतर्गत चल रहे 12 दिवसीय सम्मेलन के चौथे दिन खींचा गया। जारौद ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह आंकडे़ सम्मेलन के बाद ग्लोबल वार्मिग को ध्यान में रखते हुए किसी समझौते तक पहुंचने में नीति निर्माताओं के लिए दिशा-निर्देश का काम करेंगे। उन्होंने कहा, 'यह एक वैज्ञानिक संगठन है, जिसने हमें मौजूदा स्थिति से परिचित कराया। वास्तव में अगर इस बारे में कुछ नहीं किया गया, तो तापमान लगातार बढ़ता जाएगा।' डब्ल्यूएमओ के अनुसार, हाल के वर्षो में अफ्रीका, एशिया और आर्कटिक के हिस्सों में सबसे ज्यादा तापमान बढ़ा है। उल्लेखनीय है कि बीते कुछ वर्षो में, 2010 के अलावा 1998 और 2005 ऐसे साल हैं, जिनमें तापमान में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई।
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