Wednesday, November 17, 2010

17-18 की रात आसमान में लग जाएगी आग


नई दिल्ली. आसमान में 17 नवंबर की रात उल्का पिंडों की बरसात होगी, लेकिन चंद्रमा की मौजूदगी के चलते लोगों को इस आकाशीय आतिशबाजी का नजर देखने में थोड़ी दिक्कत हो सकती है। एनजीओ स्पेस के अध्यक्ष सीबी देवगन ने बताया कि लियोनिड उल्का या शूटिंग स्टार 60 से 100 की दर से गिरते दिख सक ते हैं।
लियोनिड एक उल्का आतिशबाजी है और यह धूमकेतु 55 पी टेंपल से जुड़ा है। उन्हांेने बताया, ‘रात बीतने के साथ ही उल्कापिंडों की संख्या बढ़ने की संभावना है। अगर उल्कापिंडों के गिरने के समय का अनुमान सही रहा तो 18 नवंबर की सुबह एक घंटे में 100 तक की संख्या हो सकती है।’ देवगन ने वैसे धुंधले होते चंद्रमा की वजह से यह नजारा देखने में मुश्किल होने की संभावना जताई। सन् 1833 में लियोनिड उल्का की आतिशबाजी ऐतिहासिक रही थी। इसके बाद 1866 और 1867 की आतिशबाजी उल्लेखनीय रही। वैसे, 1998 की आतिशबाजी उम्मीदों से कम रही। दरअसल, इस धूमकेतु की कक्षा ऐसी है जो धरती की क क्षा को काटती है, जिससे धरती इस धूमकेतु के बिल्कुल पास आ जाती है।

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