Tuesday, November 23, 2010

साइबर युद्ध से लड़ने को तैयार हो रहा ब्रिटेन


लंदन। अगला युद्ध हथियारों से नहीं, बल्कि साइबर दुनिया में लड़ा जाएगा? यह सवाल पूरी दुनिया के सामने है, लेकिन ब्रिटेन ने इन आशंकाओं के बीच अपने को मजबूत बनाने की तैयारियां शुरू कर दी है। अपना साइबर तंत्र मजबूत बनाने के लिए ब्रिटेन अपनी सैन्य क्षमता का सर्वाधिक खर्च इसी पर कर रहा है। इसके लिए वह 'साइबर वेपनरी' नाम की विशेष तकनीक विकसित कर रहा है। साथ ही उसकी कोशिश अपनी खुफिया जानकारी को लीक होने से बचाने की भी है।
ब्रिटेन के सैन्य प्रमुख जनरल डेविड रिच‌र्ड्स ने सोमवार को एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि देश की खुफिया जानकारी को आतंकवादियों के हाथ में पड़ने से बचाना हमारी पहली प्राथमिकता है।
रिच‌र्ड्स ने कहा, 'उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन [नाटो] के अन्य देशों की तरह हम भी इस तकनीक के बारे में अपनी समझ बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। हमारे रक्षा बजट का एक बड़ा भाग इस तकनीक को विकसित करने में खर्च हो रहा है।' रक्षा विभाग के प्रमुख बनने के बाद उन्होंने पहली बार सार्वजनिक भाषण दिया है।
गौरतलब है पिछले महीने ब्रिटेन ने साइबर सुरक्षा के लिए अतिरिक्त 65 करोड़ पौंड [करीब 47 अरब रुपये] की घोषणा की थी। यह कदम नई 'राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति' के तहत उठाया गया है। इसमें कहा गया था कि ब्रिटेन पर इस वक्त सबसे बड़ा खतरा खुफिया जानकारी लीक होने का है। पिछले महीने ब्रिटेन की संचार जासूस एजेंसी ने चेतावनी दी थी कि प्रमुख देश एक-दूसरे की खुफिया जानकारी हासिल करने के लिए कंप्यूटरों में सेंध लगा रहे हैं।

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