नई दिल्ली।। सुल्तानपुरी गैंग रेप केस में एक ओर पुलिस की भागदौड़ काबिले-तारीफ रही, वहीं दूसरी ओर वारदात
गैंगरेप का एक आरोपी पुलिस की हिरासत में। कर रहे मुलजिमों को 10 मिनट का वक्त भी पुलिस की ओर से दिया गया। कार में रेप होते देखने के बावजूद हवलदार ने लड़की को बचाने के बजाय अपने एसएचओ को बुलाने में ही खैरियत समझी। काले रंग की कार की तलाश के दौरान रात करीब 11:30 बजे मंगोलपुरी थाने के एक हवलदार को इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 में काले रंग की कार खड़ी देखी। खुद पुलिस अफसरों के मुताबिक, हवलदार ने कार के अंदर दो लोगों को लड़की से दुराचार करते देखा था। हवलदार को सर्विस पिस्टल मिलती है। इसके बावजूद उस पुलिस कर्मी ने हथियार निकलकर उन दोनों को चैलेंज करने और असहाय लड़की को उनके कब्जे से तुरंत छुड़ाने की कोशिश न कर अपने एसएचओ को फोन कॉल करने में अपनी खैरियत समझी। इस वारदात के मुजरिमों की तलाश कर रहे एसएचओ गजेंद्र कुमार ने दल-बल के साथ फेज-1 में उस जगह पहुंचने के बाद कार में मौजूद रामा और चंदपाल को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लड़की को आजाद कराया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक हवलदार की कॉल मिलने के बाद मौके पर एसएचओ के पहुंचने में करीब 10-15 मिनट लगे थे। इस दौरान मुलजिम वहशत दिखाते रहे और हवलदार कार से कुछ दूरी पर खड़ा होकर एसएचओ के आने का इंतजार करता रहा था। डीसीपी छाया शर्मा ने बताया कि रामा और चंद्रपाल की गिरफ्तारी के बाद उनके इकबाले-जुर्म पर 15 साल के नाबालिग लड़के और मणि उर्फ डब्बू को गिरफ्तार किया गया। इन दोनों ने रेप नहीं किया था, लेकिन अपहरण के वक्त ये दोनों भी कार में थे।
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