दक्षिण पेरू के हायू मार्का पहाड़ों में एक विचित्र बनावट है अमारू मुरू। पूनो से 35 किलोमीटर दूर टिटिकाका झील के पास पहाड़ को एक विशाल दरवाजे का रूप दिया गया है। 1996 में इसके बारे में पता चला था। स्थानीय इंडियन लोग इसे गेट ऑफ गॉड्स (देवताओं का द्वार) या फिर गेट ऑफ हैवन (स्वर्ग का द्वार) कहते हैं।पहाड़ को तराशकर सात मीटर ऊंचा और करीब सात मीटर चौड़ी यह दरवाजे जैसी आकृति बनाई गई है। इस लंबे-चौड़े दरवाजे के बीच में दो मीटर चौड़ा एक और दरवाजा बनाया गया है। ये इंसानों के लिए रास्ता हो सकता है, फिर भी इस रास्ते का कुछ पता नहीं चलता है। यह कब और किसने बनाया था, ये भी पता नहीं चलता।जोस लुइस डेलगाडो ने 1996 में इसे तलाशा था। वह उस समय वहां टूरिस्ट के तौर पर गए थे। दूसरी जानकारी के अनुसार यह एक मंदिर हो सकता है, जिसके संत अमारू मुरू रहे होंगे। यहां पर सुरंग बनी होगी जो बाद में कभी नजर नहीं आई। इस तरह यह क्या था, ये कोई नहीं पता लगा सका है। इसे टैंपल ऑफ सेवन रेज भी कहा जाता है।राज़ है गहरा-पेरू में पूनो से 35 किलोमीटर दूर हायू मार्का पहाड़ को एक विशाल दरवाजे के शेप में तराशा गया है। ये कब और कैसे बना था, ये पता नहीं चलता। लोगों के अनुसार यह स्वर्ग का द्वार है। इसे किसने बनाया था, यह भी एक राज़ है।
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