Tuesday, December 28, 2010

2011 के किस महीने में क्या होगा?


2011 की शुरुआत शनिवार से हो रही है। इस साल कई दु्र्घटनाएं, आतंकवाद, प्राकृतिक प्रकोप, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे छाए रहेंगे।जनवरी में वाहन दुर्घटनाएं, सत्ता परिवर्तन, शीत लहर का प्रकोप होगा। शनि कन्या राशि में गोचर हो रहा है। यह अनाज एवं धातुओं में भारी तेजी-मंदी का दौर रहेगा। धर्म के क्षेत्र में अच्छे काम होंगे। जनता संतुष्ट होगी। राजकार्य बेहतर रहेगा।फरवरी में मंहगाई से जनता को राहत होगी। शीत लहर, सूर्य, मंगल और राहु की युति जनता में रोग की वृद्धि करने वाली होगी। राजनीतिक उलटफेर होंगे।मार्च 2011 में सत्ता परिवर्तन, मावठा, प्राकृतिक प्रकोप हो सकता है। मसालों के भाव गिरेंगे तथा धातुओं विषेशकर सोना, चांदी के भाव में कमी आएगी। निर्यात बढ़ेगा।अप्रैल माह में अनाज में मंदी, धातुओं में तेजी का रूख रहेगा। मनुष्यकृत दुर्घटनाएं होंगी। आतंकवाद हावी होगा। विश्व की शांति को नुकसान होगा। एशियाई देशों में झड़प भी हो सकती है।मई में सोना, चांदी के भावों में कमी, उपद्रवों में वृद्धि होगी। इस माह मंगल, बुध, गुरु, शुक्र का चर्तुग्रही योग होगा। जिससे युद्ध के समान हालात निर्मित होंगे। गर्मी का प्रकोप रहेगा। चक्रवात का खतरा रहेगा।जून में धर्म की वृद्धि होगी। वर्षा का आगमन होगा। तेल के भावों में कमी होगी। अनाज के भावों में भी मंदी होगी। राष्ट्रों के मध्य तनाव होगा।जुलाई में भारी वर्षा के योग बनेंगे। लोह-इस्पात में तेजी रहेगी। युद्ध जैसे हालत का निर्माण हेागा। माह के उतरार्ध में मंगल-केतु के मिथुन राशि में आने से हिंसा का दौर होगा। वाहन दुर्घटनाएं होंगी।
अगस्त में बीमारियां बढ़ेंगी। मंहगाई बढ़ेगी। चांदी के भाव में तेजी रहेगी। देश में व्याप्त भ्रष्टाचार से जनता त्रस्त रहेगी।
सितंबर में सोना-चांदी सस्ता होगा। अफ्रीका,अरब देशों के मध्य संघर्ष की स्थिति बनेगी। वर्षा के योग उत्तम रहेंगे। उपद्रवों में शांति रहेगी।अक्टूबर में यह माह मिला-जुला असर वाला रहेगा। मंहगाई बढ़ेंगी, कर्मचारियों का विरोध बढ़ेगा। कहीं-कहीं वर्षा का योग हैं। आतंकवाद अपनी जड़ें मजबूत करेगा। हिंसा होगी। देशों में आपसी तनाव रहेगा।नवंबर में उत्तर के तरफ रक्तपात हिंसा होने की संभावना होगी। मंहगाई से जनता परेशान रहेगी। राजनीतिक लोग मुख्य मुददों से ध्यान हटा लेंगे।
दिसंबर माह में दिसंबर में यह बुजुर्गों के लिये लाभकारी होगा। धर्म की वृद्धि करेगा तथा दुष्टों के कष्टकारक होगा।

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