मेलबर्न। ऑस्ट्रेलिया की एक अदालत ने एक अनोखे मामले में ऑटिज्म से पीड़ित 16 वर्षीय स्कूली छात्र को लिंग परिवर्तन की इजाजत दे दी है। साथ ही उसके शुक्राणुओं को सुरक्षित रखवाने की शर्त रखी ताकि भविष्य में उसकी बच्चे की चाहत को पूरा किया जा सके। डेली टेलीग्राफ में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक यह जानने के बाद कि छात्र लड़की बनने के लिए इतना उत्सुक है कि उसने आत्महत्या की कोशिश की। पारिवारिक कोर्ट की महिला जज लिंडा डेसू ने स्कूली छात्र को लिंग परिवर्तन की मंजूरी दे दी। उल्लेखनीय है कि ऑटिज्म से पीड़ित बच्चे अपने दोस्तों के पास जाने से कतराते हैं। उन्हें किसी से बातचीत करना अच्छा नहीं लगता। दरअसल यह 'कम्युनिकेशन डिसऑडर' होता है। जज ने कहा लड़का परिपक्व है और समझता है कि उसे क्या चाहिए। उन्होंने कहा कि लड़के के फैसले का उसके परिजनों, छह विशेषज्ञों और उसके वकील ने भी समर्थन किया है। छात्र के साथ उसके डॉक्टर, वकील और अस्पताल की पहचान गुप्त रखी गई है। यह पहला मौका नहीं जब ऑस्ट्रेलियाई अदालत ने एक नाबालिग को लिंग परिवर्तन की इजाजत देकर विवाद को हवा दी है। छह साल पहले 13 साल की लड़की एलेक्स को भी अदालत ने लड़का बनने की इजाजत दी थी।
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