भारत में हर वो चीज जिससे लगाव हो जाए उसका मंदिर बनाकर पूजा की जाने लगती है। जिस देश में इंसान भगवान बन जाए उसमें किसी मोटरसाइकिल का मंदिर बनना कोई बड़ी बात नहीं है। लेकिन राजस्थान के पाली जिले में बने बुलेट मोटरसाइकिल के इस मंदिर के पीछे की कहानी कुछ और है।पाली जिले में बने बुलेट एनफील्ड मोटरसाइकिल के मंदिर के प्रति यहां के लोगों में काफी आस्था है। पाली जिले में बुलेट मोटरसाइकिल काफी लोकप्रिय भी है। पाली-जोधपुर रोड पर बने इस अनोखे मंदिर में मूर्ति के स्थान पर बुलेट 350 बाइक रखी गई है जिसे प्रसाद के तौर पर शराब भी चढ़ाई जाती है।बुलेट बाबा के इस मंदिर में गांव वाले जहां फूल चढ़ाते हैं वहीं सड़क से गुजरने वाले बाइक सवार भी रुककर यहां सिर झुकाते हैं। वैसे बुलेट बाबा का यह मंदिर दुनिया में किसी मोटरसाइकिल का एकमात्र मंदिर हैं।
सुरक्षित यात्रा के लिए माथा टेकते हैं लोगपाली से जोधपुर मार्ग पर गांव चोटिला के नजदीक पड़ने वाले इस मंदिर पर रोजाना सैंकड़ों यात्री रुककर सुरक्षित यात्रा के लिए प्रार्थना करते हैं। मंदिर पाली शहर से करीब 20 किलोमीटर दूर है।क्या है मंदिर के पीछे की कहानीस्थानीय लोगों के अनुसार यहां रखी गई मोटरसाइकल ओम सिंह की है। मोटरसाइकिल के पीछे ओमसिंह की तस्वीर भी रखी गई है जिसपर भी यात्री फूल चढ़ाते हैं। बताते हैं कि करीब 20 साल पहले ओम सिंह की यह बाइक यहां फिसलकर टकरा गई थी। इस दुर्घटना में ओमसिंह की मौत हो गई थी।दुर्घटना के बाद बुलेट बाइक को थाने ले जाया गया था जहां से अगले दिन यह फिर से घटनास्थल पर ही मिली थी। शुरु में पुलिस को लगा कि यह किसी की शरारत होगी। बाइक को दोबारा थाने लाकर उसकी तेल टंकी खाली कर दी गई। लेकिन अगले दिन फिर यह बाइक घटनास्थल पर ही मिली।जैसे-जैसे यह कहानी फैली आसपास के गांव के लोगों ने वहां एक मंच बनाकर यह मोटरसाइकिल रख दी। तब से इसकी पूजा का रिवाज शुरु हुआ। अब इस मंदिर का एक पुजारी भी है जो यहां नियमित पूजा करता है।
0 comments:
Post a Comment