ब्राजील में एक कंपनी का एग्जेक्यटिव डायरेक्टर था फ्रेडरिको फ्रीरे। वह अपने फोन वीडियो और स्टिल कैमरे से टॉयलेट में महिलाओं की फोटो खींच लेता था। उसने यह हरकत 2,000 से भी ज्यादा महिलाओं के साथ की। इनमें से कुछ महिलाओं की अश्लील फोटो उसने पोर्नोग्रैफिक वेबसाइट्स पर भी डाल दी। एक बार एक महिला कर्मचारी की नजर टॉयलेट में अचानक चमकी रेड लाइट पर पड़ी और जल्द ही उसे पता चल गया कि दरअसल यह एक गुप्त कैमरा है। फ्रीरे के कारनामे का भंडाफोड़ हो गया। उसकी हरकतों का शिकार हुई महिलाओं ने उसे बर्खास्त करने की मांग जोरशोर से उठाई और आखिरकार उसकी छुट्टी हो गई। 6 पीड़ित महिलाओं ने रियो की जिला अदालत में फ्रीरे के खिलाफ केस कर दिया। अदालत ने उसे दोषी पाया और 6 महिलाओं को 14,778 डॉलर (करीब 72 लाख रुपए) का हर्जाना देने का आदेश दिया। यानी हर महिला को औसतन 12 लाख रुपए मिलेंगे। इस हिसाब से यदि सभी 2000 महिलाओं ने दावा ठोंक दिया तो फ्रीरे को करीब 250 करोड़ रुपए का चूना लग सकता है। ठीक ही है, जैसी करनी वैसी भरनी!
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