लंदन। यह जानकर भले ही अटपटा लगे, लेकिन यकीन कीजिए हमारे मस्तिष्क में सोशल नेटवर्किग वेबसाइट 'फेसबुक' मौजूद है। शोधकर्ताओं ने यह दावा किया है। उनके अनुसार हमारे मस्तिष्क में मौजूद 'फेसबुक' जैसी एक प्रणाली हमारे 'सोशल नेटवर्क' को संचालित करती है।मस्तिष्क के मुख्य भाग टेंपोरल लोब में बादाम के आकार की विशेष संरचना 'एमाइग्डाला' होती है, जो यह तय करती है कि व्यक्ति कितने दोस्त बना सकता है। 'एमाइग्डाला' जितना बड़ा होगा व्यक्ति के दोस्तों का नेटवर्क भी उतना ही बड़ा होगा।ब्रिटिश अखबार 'डेली मेल' के अनुसार, शोधकर्ताओं ने 19 से 83 वर्ष के लोगों से प्रश्नावली के माध्यम से पूछा कि उनके कितने दोस्त हैं या वे कितने समूहों से जुड़े हुए हैं? उसके बाद सभी लोगों के दिमाग का स्कैन किया गया। इससे पता लगा कि बड़े 'एमाइग्डाला' वाले व्यक्तियों का सामाजिक दायरा भी बड़ा था।प्रमुख शोधकर्ता नॉर्थ-ईस्टर्न यूनिवर्सिटी, बोस्टन की लिसा बेरेट ने बताया कि मस्तिष्क का यह भाग सामाजिक जटिलता को नियंत्रित करता है। यह परिणाम युवा, वृद्ध और महिला, पुरुष में एक समान तरीके से लागू होते हैं। इंसानों के पूर्वज कहे जाने वाले बंदर के दिमाग का अध्ययन करने पर भी वैज्ञानिकों को यही परिणाम मिले। इस संबंध में वैज्ञानिकों ने एक अमेरिकी महिला के व्यवहार का भी अध्ययन किया। इस महिला के दिमाग का 'एमाइग्डाला' दुर्घटना में नष्ट हो गया था। उन्होंने पाया कि इस महिला की किसी से दोस्ती नहीं है, उसे किसी चीज से डर भी नहीं लगता।
0 comments:
Post a Comment