लंदन। प्रकृति ने इस बच्चे को जन्मजात पैर नहीं दिए हैं। बावजूद इसके उसका उत्साह नहीं डगमगाया और आज शायद ही ऐसा कोई खेल हो, जिसे वह नहीं खेल सकता।ब्रिटेन में रहने वाले नौ साल के कोडी मैक केसलैंड के घुटने से नीचे के पैर जन्म से ही अविकसित हैं। इस कमी को पूरा करने के लिए उसके पास 20 अलग-अलग तरह के कृत्रिम पैर हैं। इनकी मदद से वह दौड़, तैराकी, फुटबॉल जैसे खेल में हिस्सा लेकर सामान्य बच्चों को भी हरा देता है। अब उसकी ख्वाहिश पैरालंपिक खेलों में स्पर्ण पदक जीतने की है। आइस हॉकी जैसे कठिन खेल खेलने में सक्षम कोडी बड़ा होकर एक डॉक्टर बनना चाहता है।उसकी मां 38 वर्षीया टीना मैक केसलैंड ने बताया, कोडी के पास प्रत्येक काम के लिए अलग-अलग पैर हैं। जैसे वॉकिंग लैग्स स्कूल चलकर जाने के लिए। उसके बाद कक्षा में बैठने के लिए अलग पैर। दौड़ने और खेलने-कूदने में उसकी अपंगता कभी आड़े नहीं आती। कोडी ने कई खेलों में तो अपने से बड़ी उम्र के बच्चों को भी हराया है।अपंग होने के बावजूद कोडी की सफलता का सारा श्रेय उसके माता-पिता और उसके बुलंद इरादों को जाता है। तैराकी कोडी का पसंदीदा खेल है। इसके लिए उसे नकली पैरों की भी जरूरत नहीं पड़ती। इस प्रतियोगिता में वह सामान्य बच्चों को हराकर स्वर्ण और रजत पदक भी जीत चुका है।
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