Thursday, February 3, 2011

पुरुष थीं मोनोलिसा!


लंदन। इटली के मशहूर चित्रकार लियोनार्डो द विंसी की उत्कृष्ट रचना मोनोलिसा की पेंटिंग एक बार फिर विवादों में आ गई है। अपनी रहस्यमयी मुस्कान से लोगों में कौतुहल कायम करने वाली मोनोलिसा के बारे में इतालवी शोधकर्ता का कहना है कि इसे एक पुरुष मॉडल से प्रेरित होकर बनाया गया है।इटली के नेशनल कमेटी फॉर कल्चरल हेरिटेज के अध्यक्ष सिल्वानो विनसेटी का कहना है कि मोनोलिसा किसी महिला की पेंटिंग नहीं है बल्कि गियान गियाकोमो काप्रोती नामक मॉडल की तस्वीर है, जिसे सलाई के नाम से भी जाना जाता है। वे लियोनार्डो के शिष्य थे। मोनोलिसा की नाक और उसका मुंह काफी हद तक सलाई से मेल खाता है।विनसेटी ने कहा कि सिलाई ने लियोनार्डो के साथ सन 1490 की शुरुआत से दो दशकों तक काम किया। उन्होंने यह संभावना भी व्यक्त की है कि दोनों के बीच में प्रेम संबंध भी था।'डेली मेल' की रिपोर्ट के मुताबिक विनसेटी ने उच्च श्रेणी की तकनीकों की सहायता से मोनोलिसा का अध्ययन किया है और उन्होंने इसकी आखों में 'एस' अक्षर दिखने का दावा किया है। 'सेंट जॉन द बेप्टिस्ट' सहित लियोनार्दो की कई कृतियां सलाई पर आधारित बताई जाती हैं। हालांकि कई विशेषज्ञों ने इसे निराधार मानते हुए इसे मानने से इंकार कर दिया है।
कौन है मोनोलिसा-यह एक महिला का तैल चित्र है, जिसे इटली के मशहूर चित्रकार लियोनार्डो द विंसी ने सोलहवीं शताब्दी में बनाया था। यह फ्रांस की राजधानी पेरिस के विश्वविख्यात लूव्र संग्रहालय में रखा है। लियोनार्डो की मृत्यु के 31 साल बाद उनकी जीवनी लिखने वाले जिऑर्जियो वसारी ने लिखा था कि यह चित्र फ्लोरैंस के एक धनी व्यापारी की पत्‍‌नी लीसा गैरारडीनी का है। इसकी खासियत इसकी रहस्यमयी मुस्कान में है, जिसकी अलग-अलग तरह से व्याख्या की गई है।

0 comments:

Post a Comment