Wednesday, February 2, 2011

नामुमकिन को कर डाला मुमकिन


नेत्रहीनों के लिए ड्राइविंग असंभव मानी जाती है, लेकिन अमेरिका के मार्क रिकोबोनो इसे गलत साबित कर रहे हैं। मार्क ने हाल ही में फ्लोरिडा के डेटोना इंटरनेशनल स्पीड वे पर अपनी कार दौड़ाई। उन्होंने न सिर्फ एक वैन को ओवरटेक किया बल्कि रास्ते में बाधा बनाकर फैलाए गए ब्लॉक्स से अपनी गाड़ी को भी सुरक्षित रखा।मार्क की कार आम नहीं है। लेजर सेंसर से उनके हाथों को वाइब्रेटिंग सिगनल मिलते हैं, जिससे उन्हें पता चलता रहता है कि कार को मोड़ पर कितना टर्न करना है।ड्राइविंग सीट पर लगा कुशन भी वाइब्रेशन के जरिए उन्हें ब्रेक और एक्सीलरेटर के लिए संकेत दे देता है। नेशनल फेडरेशन फोर ब्लाइंड और वर्जिनिया टेक यूनीवर्सिटी के छात्रों ने मिलकर इस अभियान को अंजाम दिया।जिस तकनीक से मार्क ने कार दौड़ाई, उस पर पिछले दस सालों से काम किया जा रहा था। वर्जीनिया यूनीवर्सिटी के छात्रों ने फोड एस्केप हाइब्रिड कार को मार्क के लिए मॉडीफाई किया। टीम के अनुसार कार में लगे कैमरे, सेंसर्स, अलार्म और टच पैड से मार्क को सड़क की परिस्थितियों की ‘वर्चुअल इमेज’ मिलती चली गई और उन्होंने इतिहास रच दिया। मार्क अमेरिका के पहले नेत्रहीन शख्स हैं, जिन्होंने कानूनी तौर पर किसी रेस ट्रैक पर गाड़ी दौड़ाई है।

0 comments:

Post a Comment