प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस बिल, 2010 के एक ड्राफ्ट के मुताबिक, 12 साल के बच्चों को अपनी उम्र के बच्चों के साथ बिना-इंटरकोर्स के सेक्स (नॉन-पेनेट्रेटिव) की कानूनन अनुमति होगी। अभी इस बिल को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा राज्यों की इस बारे में राय जानने के लिए भेजा गया है। दूसरी तरफ कानून मंत्री का कहना है कि उन्हें अभी इस बिल की जानकारी ही नहीं है।वर्तमान में बिना-इंटरकोर्स के सेक्स की उम्र 16 साल है। इस बिल में इसे कम करके 12-14 साल और 14-16 साल का प्रस्ताव रखा गया है। इसके मुताबिक, 12-14 साल के एज ग्रुप में उम्र का अधिकतम फासला 2 साल का होना चाहिए। 14-16 साल की एज ग्रुप के लिए उम्र का अधिकतम फासला 3 साल होना चाहिए।अमेरिका में इसकी न्यूनतम उम्र 16 और 18 साल के बीच है, जो उस राज्य पर निर्भर करता है, जहां का वह निवासी होता है। ब्रिटेन में यह उम्र 16 साल है और स्पेन में यह 13 साल रखा गया है, जो इस प्रकार के गतिविधि के लिए न्यूनतम उम्रों में से एक है।महिला और बाल विकास मंत्रालय के एक अधिकारी ने यह कन्फर्म किया है कि यह बिल राज्य सरकार को भेज दिया गया है, जबकि केंद्रीय कानून मंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं। टाइम्स ऑफ इंडिया से हुई बातचीत में उन्होंने कहा, 'किसी भी तरह से सेक्सुअल ऐक्ट के लिए 12 साल की उम्र सही नहीं।'इस प्रस्तावित बिल लिस्ट के सेक्शन-3 में किसी बच्चे के साथ अनैतिक सेक्सुअल गतिविधियों से संबंधित कुछ अपवाद हैं।1. आपसी सहमति से कोई भी नॉन-पेनेट्रेटिव सेक्सुअल ऐक्ट, जो इस खंड में दंडनीय है, अपराध नहीं माना जाएगा। जब इसमें 2 ऐसे बच्चे शामिल हों, जिनकी उम्र 12 साल और या दोनों एक ही उम्र के हों या फिर दोनों की उम्र में 2 साल का अंतर हो।2. जब दोनों 14 साल से अधिक की उम्र के हों, या फिर दोनों एक ही उम्र के हों या फिर दोनों की उम्र में 3 साल का अंतर हो।यह बिल बहुत जल्द कैबिनेट में भेजा जाएगा, जिसके बाद पार्लियामेंट की स्टैंडिंग कमिटी इसकी बारीकी से जांच करेगी। महिला और बाल विकास मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि सरकार की ओर से किसी भी तरह की सलाह और आपत्ति पर विचार किया जाएगा।
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