लंदन. अगर आप किसी हाईवे पर जा रहे हों तो सावधान रहें। हर थोड़ी दूर पर लिखा रहता है दुर्घटना होने पर किस नंबर पर फोन करें। क्या ये फोन वाकई काम करते हैं? इसका असर तब देखने को मिला जब ब्रिटेन में एक दंपती को अपने किशोर बेटे को दुर्घटना के बाद तड़प तड़प कर मरते देखना पड़ा।कारण? उन्होंने इमर्जेसी नंबर पर फोन कर दिया था, लेकिन ऑपरेटर का ड्यूटी टाइम खत्म होने वाला था इसलिए वह जल्दबाजी में राहत व बचाव दल को सूचित करना भूल गया। आधे घंटे बाद एंबुलेंस घटनास्थल पर पहुंची तब राहत दल को फोन किया गया। उसके आने तक बहुत देर हो चुकी थी।कार दुर्घटना के बाद माता-पिता अपने युवा बेटे को तड़प तड़प कर मरते लाचार से देखते रहे। पांच दस मिनट पूरे एक घंटे तक। 17 वर्षीय जस्टिन लकिंस मलबे में फंसा रहा, तड़पता रहा। एंबुलेंस में मौजूद चिकित्सा स्टाफ का कहना था कि अगर जस्टिन को थोड़ी देर पहले उसकी दुर्घटनाग्रस्त वॉक्साल कोर्सा कार से निकाल लिया गया होता तो उसे बचाया जा सकता था।नार्दम्टनशायर में ईस्ट मिडलैंड एंबुलेंस सर्विस क्विकर में आपात मेडिकल टीम भेजने वाला पुलिस और फायर सर्विस को सूचना देना भूल गया क्योंकि 12 घंटे की ड्यूटी पूरी करने के बाद उसे घर जाने की जल्दी थी। जस्टिन के माता-पिता डेबी और रॉय घटनास्थल पर इंतजार करते रहे क्योंकि एंबुलेंस तो कई पहुंच गई, लेकिन मलबे में फंसे उनके बेटे को निकालने के लिए फायर इंजिन नहीं पहुंचा। ये दोनों भी बेटे के दोस्तों से दुर्घटना की सूचना मिलने पर वहां पहुंचे थे। सर्विस प्रोवाइडर ने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि दिन में 1000 कॉल आती हैं, इंसान ही तो हैं भूल हो गई।
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