Friday, February 4, 2011

वैज्ञानिकों ने ढूंढ लिया एड्स का इलाज?


लंदन। वैज्ञानिकों ने सबसे खतरनाक बीमारी एड्स के इलाज की दिशा में एक बड़ी सफलता मिलने का दावा किया है। उन्होंने एक ऐसी 'जेनेटिक विधि' खोजने का दावा किया है, जिससे शरीर स्वयं एचआइवी वायरस से लड़ने में सक्षम बन जाएगा।इस क्रम में वैज्ञानिकों ने चूहों पर सफल प्रयोग किया है। इसके जरिए वे चूहों के प्रतिरक्षा तंत्र को इतना मजबूत बनाने में सफल रहे कि इसने वायरस को निष्क्रिय करके उसे पूरे शरीर में से खत्म कर दिया।वैज्ञानिकों ने इस प्रयोग में 'एसओएस-3' जीन को मुख्य तौर पर उत्तरदायी माना। जब 'एसओएस-3' पर एचआइवी वायरस का हमला होता है, तो यह अत्यधिक सक्रिय होकर ऐसी प्रतिक्रिया करता है, जिससे प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर होने लगता है और वायरस संक्रमण करने में सफल हो जाता है।मगर वैज्ञानिकों ने चूहों में इस जीन को निष्क्रिय करने वाले हार्मोन 'आइएल-7' के स्तर को बढ़ाकर इसकी सक्रियता खत्म कर दी। इससे चूहों के शरीर में स्वत: ही वायरस नष्ट होने लगे। वैज्ञानिकों का दावा है कि इस प्रयोग से न केवल एड्स बल्कि हेपेटाइटिस बी, सी और टीबी जैसी प्राणघातक बीमारियों को भी ठीक किया जा सकता है।इन बीमारियों के इलाज खोजने की दिशा में किए गए अब तक के सभी प्रयोगों में प्रतिरक्षा तंत्र को वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने के लिए मजबूत बनाने पर जोर दिया गया है।वैज्ञानिकों के दल के प्रमुख विशेषज्ञ डॉ. मार्क पेलेग्रिनि ने बताया, 'एचआइवी, हेपेटाइटिस बी, सी जैसी बीमारियों के वायरस सबसे पहले प्रतिरक्षा तंत्र पर हमला करते हैं। फिर व्यक्ति ताउम्र इनके संक्रमण को झेलता है।' उनका दावा है कि इस खोज से इन जानलेवा बीमारियों के इलाज की नई विधियां और कारगर दवाओं को विकसित करने में मदद मिलेगी।

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