फरवरी 1883 में पर्ल लिनोरे करन का जन्म अमेरिका के इलिनाइस स्टेट में हुआ था। फिर उनका परिवार टेक्सास शिफ्ट हो गया था। जहां छह साल की उम्र में उन्होंने पढ़ाई शुरू की थी। पढ़ाई-लिखाई में उनकी ज्यादा रुचि नहीं थी और वे एक औसत स्टूडेंट थीं। इसलिए हाईस्कूल में आकर उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी।कुछ नौकरियां करने के बाद 24 साल की उम्र में उन्होंने जॉन होवर्ड करन से शादी कर ली। बाद में पर्ल का नाम एक मशहूर लेखिका के तौर पर प्रसिद्ध हुआ। उन्होंने कई प्रसिद्ध नॉवेल्स, कहानियां और कविताएं लिखीं।आश्चर्य की बात यह है कि एक कम पढ़ी-लिखी महिला ने ये काम कैसे किया। कुछ किताबों में उन्होंने मध्यकालीन इंग्लिश के शब्दों का इस्तेमाल किया था। ये देखकर लोग दावा करते हैं कि ये काम पर्ल का नहीं हो सकता। फिर उन्होंने ये सब कैसे किया, इसके पीछे कौन-सी ताकत थी। ये हमेशा राज ही रहा।
जानकारी के अनुसार जुलाई 1912 में वे अपनी पड़ोसन एमिली ग्रेंट हचिंग्स के साथ ओइजा बोर्ड पर बैठी थीं। इस दौरान उनका संपर्क 17वीं शताब्दी की एक आत्मा से हुआ था, जिसका नाम पेशेंस वर्थ था। इस आत्मा ने ही उन्हें ये सब करने में मदद की थी।
राज है गहरा
अमेरिका की मशहूर लेखिका पर्ल लिनोरे करन बहुत कम पढ़ी-लिखी थीं। फिर भी उन्होंने कई प्रसिद्ध नॉवेल, कहानियां और कविताएं किस तरह लिखीं, ये राज है। कहते हैं कि उनकी एक आत्मा से दोस्ती थी, जिसने इस काम में उनकी मदद की।
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