लंदन। आम तौर पर लोग अपनी बीमारी के बारे में बात नहीं करना चाहते, मगर थाइलैंड की 11 वर्षीया सुपात्रा ससउपान अपने चेहरे पर बंदरों की तरह उगते बालों को अपनी लोकप्रियता का कारण मानती हैं। साथी उसे बंदर कहकर बुलाते हैं लेकिन उसे तनिक भी बुरा नहीं लगता। उसके चेहरे, कान, हाथों यानी पूरे शरीर पर बंदरों की तरह बाल हैं। इन बालों को हटाने में लेजर ट्रीटमेंट नाकामयाब साबित हुआ है। दरअसल, सुपात्रा दुनिया के उन 50 मरीजों में से एक है जिसे एंब्रास सिंड्रोम की बीमारी है। यह गुणसूत्र [क्रोमोसोम] में गड़बड़ी के कारण होता है। आम तौर इन बीमारी से पीडि़तों का जहां उनके अपनों ने त्याग कर दिया हैं वहीं सुपात्रा की परवरिश में उसके माता-पिता और समुदाय अहम योगदान दे रहे हैं। सुपात्रा ने कहा कि कई लोग मुझे बंदर कहकर चिढ़ाते हैं लेकिन मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। इसके कारण ही लोग मुझे पहचानते हैं। इन बालों के कारण उसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि गिनीज रिकार्ड्स में शामिल होकर मुझे बहुत खुशी हो रही है। लोग इसमें शामिल होने के लिए क्या नहीं करते। उसके मुताबिक बाल लंबे होने पर उसे देखने में परेशानी आती है। उसने उम्मीद जताई कि एक दिन उसे इस बीमारी से छुटकारा मिल जाएगा। उसकी मां इन बालों को उसकी नियमित रूप से काटती रहती हैं। इन्हें धोने के लिए बच्चों के शैंपू का इस्तेमाल किया जाता है। वैसे, सुपात्रा अपने हमउम्र बच्चों की तरह ही सामान्य है। उसे तैरना, डांस करना, संगीत सुनना और अपने दोस्तों के साथ खेलना बहुत पसंद है। बड़े होकर उसकी आकांक्षा डॉक्टर बनने की है।
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