जासूसी एक ऐसा पेशा है जिसमें जान गंवाने से ज्यादा खतरा गुमनाम हो कर मर जाने का होता है। खतरों से खेलने के इस पेशे में एक खिलाड़ी के साथ ऐसी अनहोनी हुई जिसपर सहज यकीन होना मुश्कि ल है।पहले विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी ने अपने एक जासूस को 1914 में फ्रांस भेजा। उसका काम वहां से गुप्त जानकारियां भेजना था। लेकिन इसी दौरान उसे फ्रांस की गुप्तचर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। लेकिन इसकी सूचना जर्मनी तक नही पहुंच सकी। इस दौरान वहां की गुप्तचर सेवा उससे गलत जानकारियां भेजवाती रही। इसके बदले उसे जो भी पैसे मिले उनका उपयोग वहां के गुप्चर करते रहे। उसी के पैसे से फ्रांस के गुप्चरों ने एक कार खरीदी।1917 में एक दिन अचानक वो जेल से भाग निकला और इसी भागम-भाग में एक कार से टकरा कर उसकी मौत हो जाती है। जांच के बाद पता चला कि जिस कार से उसकी मौत हुई वो उसी के पैसों से खरीदी गई थी।
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