लखनऊ। देश में नैनो टेक्नोलॉजी के प्रयोग की लहर चल पड़ी है। दुनिया भर के वैज्ञानिक नैनों किरणों की खोज में जुटे हुए हैं। अपने इन अभूतपूर्व प्रयासों में वैज्ञानिकों को जैसे ही सफलता मिलती है, वैसे ही बॉलीवुड की फिल्म मिस्टर इंडिया के अभिनेता अनिल कपूर की भांति इंसान अदृश्य हो सकेगा।यह चमत्कार नैनो तकनीकि की मैटा मैटेरियल रेज से होगा। यह किरणें नैनों मैटेरियल से ही तैयार की जाएँगी। जब इन किरणों को इंसान के शरीर पर डाला जाएगा, तो वह दूसरों को कुछ समय के लिए नहीं दिखाई देगा।कानपुर के छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. हर्ष कुमार सहगल के मुताबिक, नैनो तकनीकि विज्ञान की कोई नई विधा नहीं है। चौथी शताब्दी से मानव जीवन में इसका प्रयोग किसी न किसी रूप में होता आ रहा है। समय के साथ-साथ आज यह तकनीकि अतिविकसित होती जा रही है। जिसमें की चिकित्सा के क्षेत्र में इसका विशेष प्रयोग देखने के मिल रहा है। नैनो मेटेरियल के जरिए विकिरण से भी गंभीर से गंभीर रोगों के उपचार संभव हो रहे हैं।आईआईटी के प्रोफेसर एस.ए. रामाकृष्णन के मुताबिक, मेटा मैटेरियल तकनीकि से भूकम्प और सुनामी जैसे प्राकृतिक खतरों का पता आसानी से लगाया जा सकेगा। कैंसर, टीवी, पर्यावरण-प्रदूषण को दूर करने, और चिकित्सा व तनीकि प्रोद्योगिकी के बारीक से बारीक यंत्रों के निर्माण के लिए नैनों मैटेरियल के क्षेत्र में क्रान्तिकारी शोध हो रहे हैं। जिनका लाभ आम आदमी को मिल रहा है और निकट भविष्य में और अधिक मिलेगा।
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