Sunday, February 13, 2011

गले लगाने से पिघलता है गुस्सा


याद कीजिए, बचपन में जब मां को आप पर गुस्सा आता था तो आप उन्हें कैसे मनाते थे। याद आया? बिल्कुल सही, आप उनके गले लग जाते थे। तब आपको पता नहीं था कि आखिर मां के गले लगते ही उनका गुस्सा कहां चला जाता है। मगर, गुस्सा चला जरूर जाता था। दरअसल जब हम किसी को गले से लगाते हैं तो शरीर के हॉर्मोन में बदलाव होने लगता है। गुस्से को बढ़ाने वाला मेल हॉर्मोन टेस्टेस्टरॉन कम होने लगता है और आपका गुस्सा शांत हो जाता है। ऐसा सिर्फ हम नहीं कह रहे हैं। हाल ही में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय की ओर से किए गए शोध में भी यह यह बात सामने आई है कि एक जादू की झप्पी से गुस्सा तुरंत पिघल जाता है। समाचार पत्र टेलीग्राफ में प्रकाशित खबर के अनुसार, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय की ओर से कराए गए शोध में यह बात सामने आई है कि आलिंगन और स्पर्श का संबंध कई ऐसे स्वास्थ्य गुणों से है जो तनाव और पीड़ा को कम करते हैं। शोध के अनुसार, इसका प्रभाव सबसे ज्यादा महिलाओं पर होता है। यानी महिलाएं नाराज हों तो उन्हें जादू की झप्पी देकर मनाया जा सकता है। मनोविश्लेषक डॉक्टर वंदना प्रकाश ने बताया कि गले लगाने के साथ ही हमारे शरीर से गुस्से को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हॉर्मोन तेजी से कम होने लगता है। किसी को गले लगाने में प्यार का एहसास होता है, यानी जब आप किसी को गले से लगाते हैं तो उसका सीधा मतलब होता है उसके प्रति प्यार जताना। उन्हें यह बताना कि आपसे गलती हो गयी, वह आपको माफ कर दे। अगर आम भाषा में कहें तो यह जादुई झप्पी, गुस्से को मसके की तरह पिघला सकती है।

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