लाहौर.रेड लाइट एरिया के बारे में कहा जाता है कि उसकी रातें जागती हैं और दिन सोते हैं। अगर इस बात को सही मान लिया जाए तो लाहौर के ऐतिहासिक हीरामंडी बाज़ार पर ये बात पूरी तरह खरी नहीं उतरती।पाकिस्तान में बढ़ते हुए आतंकवाद ने जहाँ आम जीवन को प्रभावित किया वहीं लाहौर का ऐतिहासिक रेड लाइट एरिया इससे बच नहीं सका है।लाहौर के केंद्र में स्थित रेड लाइट एरिया हीरामंडी पर इन दिनों प्रतिबंध है और चरमपंथी गतिविधियों के कारण वे सभी कोठे बंद हो गए हैं जहाँ रात को नृत्य और संगीत की महफ़िलें हुआ करती थीं।पाकिस्तान का ये एक मात्र बाज़ारे हुस्न था जहाँ पचास के दशक में क़ानूनी तौर पर नाच और गाने की अनुमित दी गई थी और रोज़ाना तीन घंटे के लिए महफ़िलें होती थीं।
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