Wednesday, February 16, 2011

9 करोड़ के हीरे तिरुपति में दान करने वाला था चोर


नकली चाबियों के जरिए बैंक लॉकरों से करोड़ों रुपये के डायमंड्स निकालने वाले अजय मेहता का इरादा सभी डायमंड्स को तिरुपति के नामी बाला जी मंदिर में दान करने का था।मुंबई क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी के मुताबिक , अजय मेहता नामक यह हीरा चोर सन् 2007 से ऑपेरा हाउस स्थित बैंक ऑफ इंडिया के लॉकर्स से डायमंड्स निकाल रहा था , लेकिन किसी लॉकर से डायमंड्स चोरी होने का पहला मामला डी बी मार्ग पुलिस में अप्रैल , 2010 में दर्ज हुआ था। उसके बाद से ही अजय मेहता को शक होने लगा था कि वह कभी न कभी पकड़ा जा सकता है। इसलिए पहले तो उसने उन बैंक ग्राहकों के लॉकर्स में वापस डायमंड्स रखने की कोशिश की , जिनके लॉकर्स से उसने डायमंड्स चुराए थे। पुलिस में एफआईआर दर्ज होने के बाद बैंक आफ इंडिया की ऑपेरा हाउस ब्रांच के लॉकर्स रूम में जब सुरक्षा बढ़ा दी गई , तो अजय मेहता को वापस लॉकर्स में हीरे रखने की हिम्मत ही नहीं हुई।इसके बाद उसने सोचा कि वह एक दिन नौ करोड़ रुपये से ज्यादा कीमत के चोरी के ये सारे हीरे तिरुपति के बालाजी मंदिर में जाकर दान कर देगा और मंदिर से इसकी रसीद भी नहीं लेगा। लेकिन इससे पहले ही वह सीनियर इंस्पेक्टर निशिकांत पाटिल , भास्कर कदम , हृदय मिश्रा , सुभाष माली की टीम द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया।क्राइम ब्रांच के अडिशनल सीपी देवेन भारती ने एनबीटी को बताया कि इस केस में कुल 14 एफआईआर दर्ज हुई हैं। अजय मेहता ने अपने तीन साथियों के साथ मिलकर तीन साल में 14 लोगों के ही बैंक लॉकर्स खोले थे। 14 एफआईआर में 9 करोड़ 29 लाख रुपये से ज्यादा कीमत के डायमंड्स चोरी बताए गए थे। मुंबई क्राइम ब्रांच ने अब तक करीब 8 करोड़ 9 लाख रुपये से ज्यादा कीमत के डायमंड्स बरामद किए हैं। इनमें 6 करोड़ रुपये से ज्यादा कीमत के डायमंड्स उन लोगों को वापस भी कर दिए गए , जिनके ये डायमंड्स चुराए गए थे।हीरा चोर अजय मेहता की शुरू से ही सोच रही है कि यदि कुछ अच्छे काम किए जाएं , तो सारे पाप अपने आप ही धुल जाएंगे , इसलिए उसने एक बार एक कैंसर मरीज को डेढ़ लाख रुपये भी मदद में दिए। करोड़पति होने के बावजूद वह हमेशा लो प्रोफाइल ही रहता था। गोरेगांव की जिस बिल्डिंग में उसका घर है , वहां के ज्यादातर लोग उसकी गिरफ्तारी से पहले तक उसे किसी बैंक का मैनेजर ही समझते थे।

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