लंदन। अगली बार विमान में बैठने के बाद मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रानिक उपकरण को बंद करने की घोषणा को नजरअंदाज करने की गलती मत करिएगा। विशेषज्ञों का दावा है कि इलेक्ट्रानिक उपकरणों से भी विमान दुर्घटनाग्रस्त हो सकता है।उनके मुताबिक मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रानिक सामान विमानों में लगे उपकरणों के लिए 'तूफान' का काम करेंगे जिससे विमान दुर्घटनाग्रस्त हो सकता है। खास तौर पर इससे पुराने विमानों को सबसे ज्यादा खतरा रहता है।
दरअसल, ज्यादातर उपकरणों से विद्युत चुंबकीय तरंगें निकलती हैं, जिससे विमान के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में बाधा उत्पन्न होती है। जबकि पुराने विमानों में नए उपकरणों के खिलाफ कोई सुरक्षा नहीं होती।ब्रिटिश अखबार 'डेली मेल' ने इलेक्ट्रीकल इंजीनियर और एयर सेफ्टी इनवेस्टीगेटर डाउ हग्स के हवाले से कहा, 'वायरलैस उपकरणों के लिए तकनीकी प्रगति और पोर्टेबल इलेक्ट्रॉलिक उपकरण [जैसे लैपटॉप, पामटॉप, इलेक्ट्रानिक नोट बुक] हर हफ्ते बदलते रहते हैं। जबकि विमानों के और विकसित होने में बीस साल का समय लगेगा।'उन्होंने कहा कि यह कहना बहुत आसान है कि इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के खुले रहने से कोई समस्या नहीं होगी।हालांकि इस बारे में कोई ताजा अध्ययन नहीं हुआ है कि यात्री विमान निर्देशों का कितना नजरअंदाज करते हैं। मगर सात साल पहले कार्नेगी मैलेन यूनिवर्सिटी के छात्र ने विमान में मोबाइल फोन से निकलने वाले सिग्नलों का अध्ययन किया था।उन्होंने पाया अक्सर लोग उपकरणों को खुला छोड़ देते हैं। सुरक्षा विशेषज्ञों को संदेह है कि कुछ दुर्घटनाओं में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की भूमिका भी रही है। 2003 में न्यूजीलैंड के एक विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने पर मोबाइल को संभावित कारणों में माना गया था। दरअसल, पायलट ने घर पर मोबाइल से बात करने के तीन मिनट बाद तक उसे खुला रखा था। जिसके बाद हुई दुर्घटना में आठ लोगों की मौत हो गई थी।
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