लंदन। एक दशक से भी ज्यादा समय तक मुंह से एक भी शब्द नहीं निकाल पाने वाली महिला का मौन अचानक उस समय मुखर हो उठा जब चिकित्सकों ने उसके गले में स्थित वॉइस बॉक्स को पुन: दुरुस्त कर दिया।ब्रेंडा जेनसेन नाम की 52 वर्षीय पीडि़त महिला पिछले 11 वर्षो से न तो कुछ बोल पा रही थी और न ही अपने आप सांस ले पा रही थी। चिकित्सकों द्वारा किए गए प्रत्यारोपण के बाद न केवल उनकी आवाज लौट आई है बल्कि अब उन्हें सुगंध एवं स्वाद का भी अहसास होने लगा है। अब वे चीजों को निगलना सीख रहीं हैं तथा जल्द ही एक आम व्यक्ति की तरह खाने-पीने लगेंगी। वॉईस बॉक्स के प्रत्यारोपण का यह दुनिया का दूसरा मामला है।मोडेस्टो, कैलिफोर्निया निवासी जेनसेन की आवाज उस समय खो गई थी जब वर्ष 1999 में गुर्दे की सर्जरी के दौरान कुछ जटिलताएं उत्पन्न हो गईं थीं। सर्जरी की इस प्रक्त्रिया में प्रयुक्त सांस लेने वाली ट्यूब के कारण उनका गला क्षतिग्रस्त हो गया था जिसके कारण वे बिना किसी बाहरी सहायता के सांस भी नहीं ले सकतीं थीं। सांस लेने के लिए वे ट्रैकियोटॉमी टयूब पर आश्रित थीं तथा बोलने के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण की सहायता लेतीं थीं जो कि रोबोट के जैसी कृत्रिम आवाज ही निकाल सकता था।पिछले अक्टूबर माह में शल्य चिकित्सकों ने 18 घंटे चले ऑपरेशन में उनकी कंठ नलिका, थॉयरॉइड ग्रंथि एवं श्वासनली को बदल दिया। इसके महज तेरह दिनों बाद ही वे डॉक्टरों तथा अपने परिवार के सदस्यों के साथ बात करने लगीं। हालांकि इस समय तक भी उनकी आवाज रूंधी हुई थी। धीरे-धीरे उनकी आवाज ठीक होने लगी जिसका श्रेय उनके गले की नाडि़यों की पुनरूत्पत्ति को जाता है। यदि सब कुछ ठीकठाक रहा तो जल्द ही उनकी ट्रेकियोटॉमी टयूब को निकाल दिया जाएगा।
0 comments:
Post a Comment