बीजिंग. प्रबंधन के क्षेत्र में थाईलैंड की महिलाएं दुनिया के किसी भी देश की महिलाओं से अव्वल हैं। इसके ठीक बाद चीनी महिलाओं का स्थान आता है, जो अपने कॅरियर को लेकर बेहद महत्वाकांक्षी हैं।एक रिपोर्ट के अनुसार विभिन्न कम्पनियों में मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) के रूप में थाईलैंड में सबसे अधिक 30 प्रतिशत महिला सीईओ विभिन्न कम्पनियों में काम कर रही हैं। 19 प्रतिशत महिला सीईओ के साथ चीन इस मामले में दूसरे स्थान पर है, जबकि दुनियाभर में महिला सीईओ की औसत संख्या केवल आठ प्रतिशत है।यूरोपीय देशों में यह प्रतिशत नौ और उत्तरी अमेरिका के देशों में केवल पांच फीसदी है। यह रिपोर्ट 39 देशों में सर्वेक्षण पर आधारित है।'चाइना डेली' में ग्रांट थॉर्टन इंटरनेशनल बिज़नेस रिपोर्ट 2011 के हवाले से मंगलवार को छपी खबर में कहा गया है कि जापान को छोड़ दिया जाए तो एशिया-प्रशांत महासागर के देशों से महिला सीईओ की संख्या यूरोप और अमेरिका के मुकाबले कहीं अधिक है।चीन में बतौर सीईओ महिलाओं की इस बड़ी संख्या के बारे में ग्रांट थॉर्टन के अहम सहभागी गुयान लिमिंग का कहना है कि चीनी महिलाएं पुरुषों की तरह ही व्यवसाय में नेतृत्व की क्षमता रखती हैं। कई मामलों में वे पुरुषों से बेहतर प्रदर्शन करती हैं।
रिपोर्ट यह भी कहती है कि चीन में 34 प्रतिशत महिलाएं विभिन्न कम्पनियों में उच्च प्रबंधन पदों पर हैं, जबकि 2009 में यह संख्या 31 प्रतिशत थी। दुनियाभर में उच्च प्रबंधन पदों पर महिला कर्मचारियों की औसत संख्या 2009 में 24 प्रतिशत थी, जो इस वक्त घटकर 20 प्रतिशत रह गई है। उच्च प्रबंधन पदों पर महिलाओं की सबसे कम आठ प्रतिशत संख्या संयुक्त अरब अमीरात और जपान में है।'न्यूजवीक' पत्रिका के एक अन्य अध्ययन के अनुसार चीनी महिलाएं महत्वाकांक्षी भी अधिक होती हैं। अध्ययन में 75 प्रतिशत चीनी महिलाओं ने कॅरियर के प्रति रुचि दिखाते हुए उच्च प्रबंधन पदों तक पहुंचने की महत्वाकांक्षा जताई, जबकि अमेरिका में यह संख्या केवल 50 फीसदी रही।
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