वॉशिंगटन. अमेरिका में एक हिंदू आश्रम के प्रमुख को यहां की एक अदालत ने दो युवतियों के यौन उत्पीड़न का दोषी करार दिया है। अपने भक्तों के बीच ‘श्री स्वामी जी’ नाम से मशहूर प्रकाशानंद सरस्वती पर 20 अपराधों का दोषी करार दिया गया है। इसमें हर एक अपराध के लिए अधिकतम 20 साल की कैद हो सकती है। अस्सी साल के इस महंत को यौन उत्पीड़न का दोषी करार दिए जाने की खबर से यहां रहने वाले हिंदू समुदाय के लोगों को गहरा सदमा लगा है।
श्यामा रोज (30) और वेस्ला टोनेसन केजिमर (27) का आरोप है कि प्रकाशानंद सरस्वती ने कई वर्षों तक कई बार उनका यौन उत्पीड़न किया जब वे करीब 12 साल की थीं। यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली युवतियों के घर वाले भी ऑस्टिन में 200 एकड़ में फैले इस आश्रम ‘बरसाना धाम’ के सदस्य हैं। ये दोनों अपने परिवारवालों के साथ इसी आश्रम में रहती थीं। अमेरिका के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले बड़ी संख्या में हिंदू समुदाय के लोग भी इस आश्रम से जुड़े हैं। प्रकाशानंद ने इस आश्रम की स्थापना 1990 में की थी।प्रकाशानंद के खिलाफ इन दो युवतियों ने अप्रैल 2008 में पहली बार यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था जिसके बाद स्वामी को गिरफ्तार कर लिया गया। बाद में उसे 10 लाख अमेरिकी डॉलर के मुचलके पर रिहा कर दिया गया। हाल में एक अन्य महिला कैट टोनेसन (31) ने भी स्वामी के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। हालांकि आश्रम के प्रवक्ता ने प्रकाशानंद के खिलाफ अदालत के फैसले पर निराशा जताते हुए दावा किया कि स्वामी जी निर्दोष हैं और इसे साबित करने के लिए उनकी कानूनी लड़ाई जारी रहेगी।
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