अंबेडकर नगर। जिले के किछौचा में एक प्रसिद्ध दरगाह शरीफ है। इस दरगाह पर जो कुछ होता है, उसे सुनने के बाद आपकी रुह कांप जाएगी। यहां लगती है अदालत। यहां न्याय होता है , पर इंसानों के लिए नहीं, आत्माओं के लिए। इसे सुनने के बाद आपके अजीब लगेगा, लेकिन इसे आंखों के सामने देखने के बाद आपके विश्वास हो जाएगा कि यहां जो भी कुछ हो रहा है, वह सामान्य नहीं है।इस दरगाह पर अजीब तरह से लोग झूमते हैं, नाचते हैं। यहां हर आदमी का मानना है की ये इंसान बुरी आत्माओं के शिकंजे में कैद है। यहां दरगाह पर लगने वाली अदालत में इन बुरी आत्माओं की पेशी है। यहां बाकयादा अदालत लगती है। अर्जी लगाई जाती है। पेशी होती है। सुनवाई होती है। और फिर इन बुरी आत्माओं के बारे में फैसला दिया जाता है।लोगों की मान्यता है कि मरने के बाद बुरी आत्माएं किसी दुसरे के शरीर को अपने गिरफ्त में ले लेती है। इस तरह किसी औक की जिन्दगी में बेजा दखल देने का मुकदमा चलाया जा सकता है। यहां आने वाले अजीब -अजीब हरकते करते हैं। महिलाओं के हाथ और पैर इसी लिए बांध दिए जाते है ताकि यह किसी और को नुकसान ना पहुंचा सके। इस अदालत के भी अपने कायदे कानून हैं यहां आने वाले हर शख्स को पहले मखदूम साहब की मजार पर अपनी अर्जी पेश करनी होती है।हम 21वीं सदी में जी रहे हैं। इस आधुनिक युग में जहां विज्ञान की तूती बोलती हैं, वहीं इस तरह की वाकये सोचने पर मजबूर करते हैं कि हम आज भी पाषाण युग में जी रहे हैं। हम पर अंधविश्वास आज भी हॉवी ही।
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