Tuesday, March 8, 2011

यहां आते ही सभी झूठ बोलते हैं


वाशिंगटन। फेसबुक, ट्विटर, लिंक्डइन और माइस्पेस जैसी साइटों पर लोगों के आमने-सामने होने वाली बातचीत के मुकाबले झूठ बोलने की संभावना ज्यादा रहती है। विशेषज्ञों की मानें तो लोग भी मानते हैं कि मौका मिलने पर ऑनलाइन होते वे झूठ ही बोलेंगे। कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के जेफ हेनकॉक इसे ‘क्यूज हियूरिस्टिक’ कहते हैं, जिसका मतलब है कि लोग अपनी पहचान जितना छिपाएंगे, उतना उन पर दूसरे लोग कम विश्वास करेंगे। इसलिए विश्वास बनाने के लिए वे झूठ बोलते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी रिसर्च में पता चला कि 80 फीसदी लोग ऑनलाइन झूठ बोलते हैं। लोग अपनी पर्सनैलिटी को लेकर भी झूठ कहते हैं। जैसे कि हमें शोध के दौरान एक व्यक्ति मिला जिसका कद 5 फीट 10 इंच था लेकिन उसने कहा कि सोशल नैटवर्किग साइटों पर वह अपने दोस्तों को अपनी हाइट 6 फीट बताता है।

कुछ लोग तो अपने रिलेशनशिप स्टेटस को लेकर भी झूठ बोलते हैं। मसलन लोग असल में तो किसी रिलेशनशिप में होते हैं लेकिन खुद को सिंगल बताते हैं।

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