Thursday, December 23, 2010

खुद के पांव नहीं पर 130 बच्चों को दे रही सहारा


बीजिंग। कहते है हौंसले बुलंद हों तो शारीरिक विकलांगता भी आड़े नहीं आती। इसे साबित कर दिखाया है चीन की एक महिला ने। दोनों पैरों से लाचार यह महिला 130 अनाथ बच्चों का पालन-पोषण कर रही है।55 वर्षीया जू यूहुआ ने 12 साल की उम्र में ही अपने दोनों पैर खो दिए थे। रेलवे विभाग में कोयला बटोरते वक्त वह ट्रेन के नीचे आ गई थीं। जिसमें उनके दोनों पांव कट गए थे। 17 साल की उम्र में उनके सिर सेमाता-पिता का साया भी उठ गया। उसके बाद वे हुनान राज्य के जियांगटान अनाथालय में रह रही हैं। यहीं उन्होंने दो स्टूलों के सहारे खुद से चलना सीखा। धीरे-धीरे उन्होंने अपने सारे काम और अन्य बच्चों की मदद करना शुरू किया। अब जू बच्चों को नहलाने-धुलाने से लेकर खाना खिलाने तक सारे काम खुद करती हैं। बच्चे उन्हें बिग मॉम कहकर पुकारते हैं।सबसे पहले जू ने शेंग ली नाम की एक बच्ची को अपनाया। पैदा होते ही उसे कोई कूड़ेदान में फेंक कर चला गया था। शेंग ली ने बताया, अगर बिग मॉम न होती तो शायद मैं बहुत पहले ही मर चुकी होती। उनको स्टूल के सहारे चलता देख मुझे बहुत प्रेरणा मिलती है। 1987 में जू ने अनाथालय में ही एक किसान लाइ जियुआन के साथ विवाह किया। तीन साल बाद उनके बेटा हुआ। उसके बाद भी जू ने अनाथ बच्चों का साथ नहीं छोड़ा। उन्होंने कहा, मैं कोई महान महिला नहीं हूं। बस मैं इन बच्चों को मां का प्यार देने की कोशिश करती हूं।

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