न्यूयार्क. दो साल पहले मिली जोरदार सफलता के बाद राष्ट्रपति बराक ओबामा को तगड़ा झटका लगा है जब रिपब्लिकन पार्टी ने प्रतिनिधि सभा की अधिकतर सीटों पर अपना कब्जा जमा लिया। अब यह पार्टी सीनेट में अपनी आवाज मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
भारतीय मूल की रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदवार निक्की हेली साउथ कैरोलाइना प्रांत की नई गवर्नर चुनी गईं हैं। इन्होंने डेमोक्रेट उम्मीदवार विन्सेंट शिहीन को बेहद नजदीकी मुकाबले में मात दी। हेली सिख माता-पिता की बेटी हैं जिनके पूर्वज अमृतसर से आकर यहां बस गए थे।
निक्की ने भारतीय मूल की दूसरी अमेरिकी गवर्नर और पहली महिला गवर्नर होने का गौरव हासिल किया है। इससे पहले भारतीय मूल के बॉबी जिंदल तीन साल पहले लूइजियाना प्रांत के गवर्नर बने थे। निक्की फिलहाल साउथ कैरोलिना प्रांत के
लेक्सिंग्टन काउंटी से सांसद हैं।
विवादों में रहीं निक्कीइस साल के शुरुआत में प्राइमरी चुनावों से पहले अभियान शुरू करते समय हेली विवादों में रहीं। एक रिपब्लिकन सांसद ने ही हेली के खिलाफ नस्लभेदी टिप्पणी की थी। इस सांसद ने उन्हें ‘रैगहेड’ कहा जो आमतौर पर मध्य-पूर्व के लोगों के लिए अपमान के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। एक पॉलिटिकल ब्लॉगर ने निक्की के विवाहेत्तर संबंधों को लेकर लिखा था जिसे लेकर अमेरिका में खूब चर्चा हुई थी। हालांकि यह ब्लॉगर अपने आरोपों को साबित नहीं कर सका। निक्की पर समय से टैक्स नहीं चुकाने के भी आरोप लगे थे। दो बच्चों की मां निक्की ने सारी आलोचनाओं को दरकिनार करते हुए 65 फीसदी मतों के साथ गवर्नर पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदवार चुनी गई थीं।
लूइजियाना के गवर्नर बॉबी जिंदल की तरह ही हेली ने भी अपने भारतीय मूल का कभी जिक्र नहीं किया है और चुनाव अभियान में अपने को एक ईसाई के तौर पर ही पेश किया। निक्की हेली का नाम तब उभरा जब पिछले चुनावों की उप-राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार सारा पालिन ने प्राइमरी चुनाव में उनका अनुमोदन किया। उनके नाम का अनुमोदन दक्षिणपंथी टी पार्टी मूवमेंट में महिला उम्मीदवारों की पैठ बढ़ाने के मकसद से किया गया था। साउथ कैरोलाइना नागरिक अधिकार आंदोलन की कर्मभूमियों में से एक है और कांटे की टक्कर वाली राजनीतिक मुकाबलों के लिए जाना जाता है।
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