हरारे। जिंबाब्वे की क्रिकेट टीम भले ही साधारण हो, मगर यहां का एक क्रिकेट कमेंटेटर बहुत असाधारण है। दृष्टि से वंचित यह रेडियो कमेंटेटर मैदान से आने वाली गेंद और बल्ले की आवाज से बता देता है कि वहां क्या हो रहा है? गेंद किस दिशा में जा रही है, चौका लगा है या छक्का? उसे सुनने वाले कहते हैं, डीन डू प्लेसी से शायद ही कोई गलती हुई होगी।
गेंद के बल्ले से लगते ही डीन बता देते हैं कि गेंद कितनी दूर जाएगी? भगवान ने डीन को आंखें नहीं दी, मगर उनके सुनने की क्षमता जबरदस्त है। गेंद की आवाज और आस-पास की गतिविधियों को सुनकर डीन अच्छी खासी कमेंट्री कर लेते हैं। उनकी कमेंट्री इतनी स्पष्ट होती है कि उनसे अनजान श्रोता नहीं जान पाते कि उनकी आंखें नहीं हैं।
डीन के कान इतने संवेदनशील हैं कि वह मैदान में खिलाडि़यों की स्लेजिंग और उनकी आपसी बातों से भी श्रोताओं को रू-ब-रू कराते रहते हैं। माना यह जा रहा है कि वह मैदान में दर्शकों की उत्सुकता को परखकर अंदाज लगा लेते हैं। फिर अनुमान पर कमेंट्री करते हैं।
जिंबाब्वे टीम के सदस्य और दर्शक उनके कारनामे को देखकर दांतों तले उंगली दबा चुके हैं। वैसे, कमेंट्री के दौरान डीन पास बैठे शख्स से पूछते रहते कि वह सही जा रहे हैं या नहीं।
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