काठमांडू। नेपाल के प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल ने माओवादियों के पूर्व गुरिल्ला बल के कमांडरों की हालिया 'गुप्त' चीन यात्रा को पूर्व विद्रोहियों के साथ वर्ष 2006 में हुए महत्वपूर्ण शांति समझौते का उल्लंघन करार दिया है।
प्रधानमंत्री ने रविवार को संवाददाताओं से कहा था कि सप्ताह भर की यह यात्रा व्यापक शांति समझौते [सीपीए] का उल्लंघन है क्योंकि कमांडरों ने सेना की विशेष एकीकरण और पुनर्वास समिति को इसकी सूचना नहीं दी थी।
यह समिति माओइस्ट पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के पूर्व लड़ाकों के देश की सेना में विलय के मुद्दे को देख रही है। प्रधानमंत्री नेपाल ने कहा कि सरकार माओवादियों के पीएलए कमांडरों की गुप्त चीन यात्रा पर देश में यूनाइटेड नेशंस मिशन से स्पष्टीकरण मांगेगी जो पूर्व लड़ाकों के मामलों को देख रहा है।
उन्होंने सवाल किया कि संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में संचालित शिविरों में रह रहे पूर्व लड़ाके कैसे विशेष समिति से अनुमति लिए बिना चीन चले गए।
साभार:दैनिक जागरण
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