Friday, October 29, 2010

एक्टोपिक गर्भावस्था का पता लगाने की नई तकनीक




लंदन। वैज्ञानिकों ने महिलाओं में एक दिन के भीतर ही एक्टोपिक गर्भावस्था का पता लगाने के लिए एक साधारण रक्त जांच का तरीका इजाद किया है। इससे हजारों महिलाओं को गर्भावस्था संबंधी कई जटिलताओं से मुक्ति मिलने की उम्मीद बंधेगी।

एक्टोपिक गर्भावस्था उस स्थिति को कहा जाता है जब भू्रण गर्भाश्य के बाहर कहीं पर अपनी जगह बना लेता है और आमतौर पर यह फेलोपियन ट्यूब में जगह बनाकर बढ़ना शुरू कर देता है। फेलोपियन ट्यूब में स्थित भू्रण कभी जिंदा नहीं बचता, लेकिन यदि इस स्थिति का समय रहते पता नहीं लगाया जाए तो यह मां के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। अब वैज्ञानिकों के एक अंतरराष्ट्रीय दल ने रक्त जांच का एक बेहद आसान तरीका खोज निकाला है, जिसमें चार मापदंडों को आधार बनाया गया है। इन मापदंडों को एक्टोपिक गर्भावस्था का लक्षण बनाया गया है।

इस रक्त जांच से एक ही दिन में एक्टोपिक गर्भावस्था का पता लगाया जा सकेगा, जबकि पारंपरिक जांच में रिपोर्ट आने में कई दिन का समय लगता था। इससे डाक्टरों को महिला के प्रजनन अंगों को समय रहते बचाने का मौका मिल जाएगा। क्योंकि गंभीर अवस्था होने पर एक्टोपिक गर्भावस्था प्रजनन अंगों को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर देती है।

पारंपरिक जांच में गर्भधारण के शुरुआती चरण में एक्टोपिक गर्भावस्था का पता नहीं चल पाता था, लेकिन नई तकनीक से गर्भावस्था के मात्र तीन सप्ताह में इसका पता लगाया जा सकेगा। डेली मेल में यह रिपोर्ट प्रकाशित हुई है।

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