वाशिंगटन/चंडीगढ़. अमेरिकी प्रशासन के 'सिख विरोधी' फैसले से अमेरिका और भारत के सिख समाज में नाराजगी बढ़ रही है। अमेरिकी परिवहन सुरक्षा प्रशासन ने सिख संगठनों को सूचित किया है कि अब अमेरिकी हवाईअड्डों पर सिख यात्रियों की पगड़ी की तलाशी ली जाएगी। इससे अमेरिकी सिख संगठन तो नाराज हैं ही, भारत में भी इसे लेकर आंदोलन की चेतावनी दी गई है। अमेरिकी प्रशासन का कहना है कि पगड़ी की कई तहों के कारण आधुनिक स्कैनर मशीनों के जरिए भी उसमें छिपी वस्तु नहीं देखी जा सकती, इसलिए तलाशी का फैसला लिया गया है। अमेरिका के सभी हवाई अड्डों पर नई एडवांस इमेजिंग टेक्नॉलॉजी मशीनें(एआईटी) लगी हैं जिससे पूरे शरीर की जांच(स्कैनिंग) हो जाती है लेकिन प्रशासन का मानना है कि तहों में घातक हथियार छिपा सकते हैं, और हो सकता है मशीन उन्हें पकड़ने में चूक जाए। लेकिन अमेरिका में सिख समुदाय के नेता अमरदीप सिंह ने कहा कि हथियार को किसी भी कपड़े में छिपाए जा सकते हैं, फिर केवल सिखों की पगड़ी को ही क्यों निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने इसे सिखों के अधिकारों और स्वतंत्रता का हनन बताया। पंजाब में सत्तारूढ़ शिरोमणि अकाली दल ने भी इस फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई है। दल के अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से इस मसले को अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के सामने रखने का आग्रह किया है। राष्ट्रपति ओबामा से सिख संगठन हाल में भी नाराज हुए थे। इसका कारण ओबामा के कार्यक्रम में अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर का दौरा शामिल नहीं किया जाना था। सिख संगठनों की भारी मांग के बावजूद ओबामा के कार्यक्रम में स्वर्ण मंदिर की यात्रा शामिल नहीं की गई। तब सिख संगठनों ने यहां तक कहा कि ओबामा कम से कम भारत के किसी बड़े गुरुद्वारे में ही चले जाएं। पर ओबामा ने यह मांग भी अनसुनी कर दी।
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