मास्को। पढ़ाई के बोझ से दबे बच्चे अक्सर सोचते हैं कि काश उनके स्थान पर कोई और पढ़ाई कर ले। मास्को में ऐसा हो रहा है। यहां एक बच्चे के स्थान पर एक रोबोट स्कूल में पढ़ाई कर रहा है। ये बच्चा पढ़ाई के बोझ से नहीं बल्कि ब्लड कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से जूझ रहा है।स्टीपन सपिन नाम के 12 साल के बच्चे की जगह उसका प्लास्टिक का रोबोट कक्षा में पढ़ाई करता है, जबकि सपिन घर में कंप्यूटर पर बैठकर अपना काम पूरा करता है। दरअसल यह रोबोट वेबकैम, माइक्रोफोन और लाउडस्पीकर के जरिए स्टीपन के कंप्यूटर से जुड़ा है। कक्षा में जो भी पढ़ाया जाता है, स्टीपन को रोबोट के जरिए वह सब पढ़ने को मिलता है।ब्लड कैंसर के चलते स्टीपन का प्रतिरक्षा तंत्र इतना कमजोर हो चुका है कि वह स्कूल जाने में असमर्थ है। इसलिए उसने अपने रोबोट का नाम ही स्टीपन रख दिया है।रोबोट में एक कंप्यूटर जैसा मॉनीटर भी लगा है। इस मॉनीटर के जरिए स्टीपन घर बैठकर ही टीचर से प्रश्न पूछ सकता है। टीचर ने बताया, जब कक्षा में पढ़ाई शुरू होती है तो रोबोट स्टीपन भी सामान्य छात्रों की तरह अपना पाठ पढ़ता है।यह सिलसिला पिछले साल सितंबर से चल रहा है। रोबोट की मदद से स्टीपन इतिहास, भूगोल, अंग्रेजी और फ्रेंच पाठ पढ़ रहा है। जबकि रूसी भाषा और गणित के लिए उसके घर पर टीचर पढ़ाने आती है। स्टीपन का कहना है कि रोबोट के जरिए उसे कक्षा में न होने की कमी कतई नहीं खलती।
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