मेलबर्न। भविष्य के मंगल ग्रह अभियान की तैयारी में मॉस्को में पिछले साल जून से अभ्यास चल रहा है। इसके तहत अगले माह अंतरिक्ष यान धरती पर बनाए मंगल ग्रह पर उतरेगा। अंतरिक्ष यात्री इसमें से निकलकर वहां चलेंगे भी। मार्स-500 प्रोजेक्ट के अंतर्गत विभिन्न देशों के छह नागरिक पिछले साल जून से अंतरिक्ष यान में बंद हैं और मंगल की ओर बढ़ रहे हैं।प्रायोगिक कार्यक्रम में अंतरिक्ष यान १ फरवरी को मंगल की कक्षा में पहुंच जाएगा और 12 फरवरी को मास्को स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल प्रॉब्लम्स में निर्मित मंगल ग्रह पर उतरेगा। मार्स-500 प्रोजेक्ट के प्रमुख बोरिस मोरुकोव ने बताया कि 14 से 22 फरवरी के बीच तीन बार अंतरिक्ष यात्री मंगल पर उतरकर चलेंगे। यान एक माह तक मंगल पर रुकेगा। इस दौरान रूसी सुखरोव कामोलोव, अलेक्स सीतेव, अलेक्जेंडर स्मोलेवस्की, यूरोपीय यात्री डिएगो अरबीना व रोमने चाल्र्स और चीनी वांग यू यान में से कोई तीन सदस्य मंगल की जमीन पर चलेंगे। यात्री नवंबर तक यान के धरती पर लौटने के बाद ही बाहर आएंगे। इस अभियान में सब कुछ पूरी तरह अंतरिक्ष यात्रा की तरह ही होगा, सिवाय इसके कि यान जमीन पर रहेगा। इसमें सवार यात्रियों को वैसे ही रहना और काम करना होगा जैसे कि अंतरिक्ष यात्री करते हैं। उन्हें वही खाना खाना होगा जो अंतरिक्ष यात्रियों को दिया जाता है
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