बकिंघमशायर के इकिआ होम फर्निशिंग स्टोर में प्रवेश करने के बाद आप इसमें खो जएंगे। यहां से बाहर निकलने में आपको कम से कम तीन घंटे लग जाएंगे। ऐसे में आदमी न चाहते हुए भी बहुत कुछ अपनी ट्रॉली में रख लेता है। ये इस कंपनी का मनोवैज्ञानिक हथियार है जिससे इनका बिजनेस लगातार बढ़ता जा रहा है।स्पेन की इस कंपनी के 26 देशों में स्टोर हैं और पिछले साल इनका मुनाफा 230 करोड़ पाउंड रहा था। स्टोर्स का डिजाइन जान-बूझकर ऐसा बनाया जाता है कि लोग इसमें उलझते चले जाएं। एक बार जिस हिस्से से गुजर जाएं वहां लौटना आसान नहीं हो। ऐसे में लोग एक ही बार में मजबूरन सामान उठा लेते हैं।यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के वचरुअल रियलिटी सेंटर के डायरेक्टर एलन पैन कहते हैं कि इकिआ की नीति है कि लोग बाहर की दुकानों तक नहीं पहुंचे और उन्हें ज्यादा से ज्यादा देर तक अंदर ही रोका जा सके। वैसे यहां पर आपात स्थिति में बाहर निकलने के लिए कई शॉर्टकट रास्ते भी बनाए गए हैं। फिर भी ये ऐसी जगह बने हैं, जहां लोगों की नजर नहीं जाती। एलन कहते हैं कि यही तरीका सभी बड़ी कंपनियां एपने सुपर स्टोर्स में अपनाती हैं।
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