ब्रिटेन। 2007 में स्फोल्क के साउथ लोस्टॉफ्ट में रिसर्च करते समय ब्रिटिश आर्किओलॉजिस्ट क्लेर गुड ने एक चौकोर पत्थर खोजा था। उसके डिजाइन से लगता थी कि ये आभूषण रहा होगा। ये करीब 4000 साल पुराना था। इससे पहले सोना का एक ऐसा ही आइटम स्टोनहैंज के करीब बुश बरो से मिला था। इसलिए कहा जा सकता है कि ये भी आभूषण रहा होगा और उस दौर में उच्च वर्ग के लोग इनका इस्तेमाल किया करते होंगे। फिर भी ये ताबीज था या गहना? इसके डिजाइन का क्या अर्थ था? इसे किस मौके पर पहना जाता था? ऐसे कई सवाल हैं जिनका जवाब नहीं तलाश जा सका है।नेशनल म्यूजियम स्कॉटलैंड के डिपार्टमेंट ऑफ आर्किओलॉजी की प्रमुख एलिसन शेरिडन कहती हैं कि ये कौन सा मटेरियल है, ये भी पता नहीं चलता। इसी तरह डिजाइन की कुछ बातें देखकर लगता है कि ये ताबीज रहा होगा। इस समय के लोग भी देवीय शक्ति के लिए इसे इस्तेमाल करते होंगे और साथ ही फैशनपरस्त भी होंगे।
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