Tuesday, February 22, 2011

न्यूजीलैंड में भूकंप, 65 की मौत, सैकड़ों फंसे


मेलबर्न। दक्षिण न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में मंगलवार को 6.3 तीव्रता के जोरदार भूकंप से कम से कम 65 लोगों की मौत हो गई जबकि सैकड़ों की तादाद में लोग फंस गए और हर तरफ चीख-पुकार मची हुई है।न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री जान की ने बताया कि इस क्षण मृतक संख्या 65 है और यह बढ़ सकती है। इस तरह यह इस शहर के लिए, न्यूजीलैंड के लिए और लोगों के लिए यह एक त्रासदी है।जान ने देश के दूसरे सबसे बड़े शहर क्राइस्टचर्च को 'बेपनाह तबाही का एक दृश्य' करार देते हुए कहा कि यह कैंटरबरी के लोगों के लिए भयावह समय है। हम शायद न्यूजीलैंड के सबसे खराब दिनों से रूबरू हैं। देश के 80 साल के सबसे विनाशकारी भूकंप में इमारतों के ढहने के साथ-साथ बिजली एवं टेलीफोन की लाइनें भी प्रभावित हो गईं।ताजा खबरों के अनुसार चार लाख लोगों का यह शहर पिछले वर्ष सितंबर में आए भूकंप की तबाही से उबरने की अभी कोशिश ही कर रहा था कि दोपहर के वक्त आए भूकंप से कई इमारतें और मकान ढह गए। इसमें अनेक लोगों के मारे जाने की आशका जताई गई है। लोगों के लापता होने और मकानों के मलबों के अंदर कई लोगों के दबे होने की खबरें हैं। क्राइस्टचर्च की मुख्य सड़कों से सटी इमारतें पूरी तरह ढह गई हैं।अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण [यूएसजीएस] ने रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 6.3 मापी है। अभी भूकंप से हुए नुकसान का पूरा जायजा नहीं लिया जा सका है। यूएसजीएस ने बताया कि भूकंप का केन्द्र क्राइस्टचर्च से पाच किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में चार किलोमीटर की गहराई में था। कुछ खबरें बताती हैं कि आज के भूकंप को पिछले साल चार सितंबर को आए 7.1 तीव्रता के भूकंप के बाद का जोरदार झटका समझा जाना चाहिए।अफरा तफरी के बीच क्राइस्टचर्च के रहने वाले जूलियन हाबडे के हवाले से बताया गया कि वह जिस अपार्टमेंट स्टोर में था वह पूरी तरह हिल गया था लेकिन वह बचने में सफल रहा। क्राइस्टचर्च के नागरिक सियान स्केनलान ने कहा कि यह बहुत भयावह था।भूकंप के बाद बिजली गुल हो गई और फोन लाइनें जाम हो गईं। इसके बाद आए भारी झटकों से शहर थर्रा गया। क्राइस्टचर्च अस्पताल की एक प्रवक्ता ने कहा कि अस्पताल को खाली कराया जा रहा है।क्राइस्टचर्च हवाईअड्डे को बंद कर दिया गया है और पुलिस के मुताबिक सिटी सेंटर को खाली कराया जा रहा है।
न्यूजीलैंड प्रशात महासागर के भूकंप संभावित क्षेत्र में पड़ता है जो दक्षिण अमेरिका में चिली से लेकर दक्षिण प्रशात क्षेत्र तक फैला हुआ है। इस क्षेत्र में एक साल में 14 हजार से अधिक भूकंप आते हैं लेकिन नागरिकों को केवल लगभग 150 के झटके महसूस होते हैं। इनमें से 10 से भी कम नुकसान पहुंचाते हैं।

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