लंदन। मिस्र में लोग राष्ट्रपति होस्नी मुबारक के खिलाफ छेड़े गए अभियान में सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक की भूमिका को काफी अहम मानते हैं। इसे यादगार बनाने के लिए यहां जमाल इब्राहीम नाम के एक व्यक्ति ने अपनी नवजात बच्ची का नाम 'फेसबुक' रखा है।ब्रिटिश समाचार पत्र 'डेली मेल' ने मिस्र के 'अल-एहराम' के हवाले से खबर दी है कि 20 वर्षीय जमाल ने अपनी बेटी को 'फेसबुक जमाल इब्राहीम' नाम दिया है। जमाल मिस्र के शहरों में विरोध-प्रदर्शन को बढ़ावा देने में फेसबुक की भूमिका से बेहद खुश है।मिस्र में 50 लाख लोग फेसबुक से जुड़े है। यह संख्या खाड़ी देशों में किसी भी अन्य देश से ज्यादा है। पिछले महीने क्रांति के दौरान इसका इस्तेमाल करने वालों में और इजाफा हुआ था।
25 जनवरी की क्रांति के बाद फेसबुक पर नए 32 हजार समूह बने और 14 हजार नए पेज बनाए गए। सैन्य सरकार ने भी मिस्र के युवाओं तक पहुंच बनाने के लिए फेसबुक का इस्तेमाल शुरू कर दिया था।होस्नी मुबारक के इस्तीफे के बाद राजधानी काइरो में जगह-जगह फेसबुक का शुक्रिया अदा करते हुए लिखा हुआ था 'थैंक्यू फेसबुक'। एक इंटरनेट ब्लॉगर ने तो यहां तक कहा कि फेसबुक ने खाड़ी देशों और उत्तर अफ्रीका में लोकतंत्र के लिए जो कुछ किया है उसके लिए उसे इस साल का नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए। मिस्र के लोगों ने सार्वजनिक तौर पर फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग का शुक्रिया अदा किया है।
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