Thursday, February 24, 2011

95 साल बाद पहुंचा पोस्टकार्ड


लंदन। अक्सर लोगों को डाक विभाग से चिट्ठी सही समय पर नहीं पहुंचाने की शिकायत रहती है। मगर ब्रिटेन में डाक विभाग की लेटलतीफी का अनूठा कारनामा सामने आया है। यहां एक पोस्टकार्ड 95 साल बाद पहुंचा और वो भी गलत पते पर।ब्रिटिश सेना में तैनात सैनिक अल्फ्रेड आर्थर ने यह पोस्टकार्ड प्रथम विश्व युद्ध [1914-18] के दौरान जनवरी, 1916 में अपने कैंप ईस्ट ससेक्स के न्यूहेवन से अपनी बहन एलेन को लिखा था। उसके अगले ही दिन उन्हें युद्ध के लिए जहाज से फ्रांस रवाना होना था। उस समय उनकी उम्र महज 19 साल थी। इस पोस्टकार्ड को ब्रिटेन की 'रॉयल मेल' सेवा ने इतने लंबे समय अंतराल के बाद पहुंचाया भी तो एलेन के घर के सामने वाले मकान में।उन्होंने अपनी बहन को भेजे संदेश में लिखा था, 'डीयर एलेन, मैं तुमको बताना चाहता हूं कि मैं तुम्हें भूला नहीं हूं। मैं युद्ध के मैदान में जा रहा हूं।' इस खत को भेजने के दो साल बाद अल्फ्रेड युद्ध में शहीद हो गए। अफसोस उनका यह संदेश जिंदा रहते उनकी बहन को नहीं मिल पाया। एलेन की मृत्यु 1964 में हो गई थी।अब जाकर यह पोस्टकार्ड एलेन के सामने रहने वाले लॉरेन ब्लीच के यहां पहुंचा है। 61 वर्षीय लॉरेन ने बताया, 'इस पोस्टकार्ड को देखकर हमें एकाएक यकीन नहीं हुआ। फिर जब हमने इसे पढ़ना शुरू किया। तो हमारी आंखें भर आई।' लॉरेन ने किसी तरह एलेन के पोते को ढूंढ़कर यह पोस्टकार्ड उन्हें दिया।

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