बॉलीवुड में रोज़ एक सितारे का जन्म होता है तो कई सितारे डूबते भी हैं, गुमनामी के अंधेरे में खो जाना भी कुछ सितारों की नियति है!
1985 में बॉलीवुड में एक ऐसी एक्ट्रेस ने कदम रखा था, जो आज भी फ़िल्म 'राम तेरी गंगा
मैली' से लोगों के बीच में पहचान बनाए हुए है। जी हां इस अभिनेत्री का नाम मंदाकिनी है। महज 16 साल की उम्र में मंदाकिनी उस समय के सबसे बड़े डायरेक्टर की हीरोइन बन गयी थीं।
मंदाकिनी का जन्म 20 जुलाई, 1969 को एंग्लो-इंडियन परिवार में मेरठ, उत्तरप्रदेश में हुआ था। उनके पिता जोसफ ब्रिटिश नागरिक थे, जबकि मां मुस्लिम थीं। उनके बचपन का नाम यास्मीन जोसेफ था। मंदाकिनी ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत 1985 में की। उस साल उन्होंने बंगाली फ़िल्म 'अंतारेर भालोबाशा' से और 'मेरा साथी' के साथ हिंदी सिनेमा में भी कदम रख दिया था। 1985 में उन्होंने दो फ़िल्में 'आर पार' और 'राम तेरी गंगा मैली' की। राज कपूर के डायरेक्शन में बनी 'राम तेरी गंगा मैली' बॉक्स ऑफिस पर ज़बरदस्त हिट साबित हुई। इस फ़िल्म से मंदाकिनी को रातों-रात स्टारडम मिल गया। इस फ़िल्म के लिए मंदाकिनी को फिल्मफेयर बेस्ट एक्ट्रेस के लिए भी नॉमिनेट कर लिया गया। मंदाकिनी ने सक्सेस के लिए इस फ़िल्म में कुछ ऐसे सीन्स भी दिए, जो आज भी चर्चित हैं। उन्होंने बोल्ड सीन्स देने से परहेज नहीं किया, राज कपूर कला और क्रिएटिविटी के ज़रिये स्त्री के देह को बड़े परदे पर दिखाने में माहिर रहे हैं। यह राजकपूर की ही गट फीलिंग थी कि मंदाकिनी ने इस फ़िल्म में अपने किरदार को बोल्ड के साथ-साथ संजीदा रखते हुए हिट साबित हो गयी। आइये सबसे पहले देखते हैं, मंदाकिनी तब कैसी दिखती थी और अब कैसी दिखती है/
आज तक 'राम तेरी गंगा मैली' फ़िल्म का जिक्र होता है और उस फ़िल्म में निभाये अपने रोल के लिए मंदाकिनी का भी! फिर ऐसा क्या हुआ जो इतनी ज़बरदस्त कामयाबी के बाद भी यह एक्ट्रेस आज गुमनामी में जी रही है? आइये जानते हैं। 'राम तेरी गंगा मैली' में दो बोल्ड सीन्स किए थे, जिसका फायदा उन्हें आने वाले चार साल तक मिलता रहा। वो बॉलीवुड की ऐसी अभिनेत्री बन गईं जिनके पास फ़िल्मों की लाइन लग गई। मंदाकिनी ने 1986 में 6 , 1987 में 6, 1988 में 8 और 1989 में 8 फ़िल्में की। मंदाकिनी का करियर तेजी से आगे बढ़ रहा था, लेकिन उनकी फ़िल्मों को सफलता नहीं मिल रही थी। हालांकि, 'राम तेरी गंगा मैली' से सुर्खियां बटोरने वाली मंदाकिनी को 1987 में मिथुन और गोविंदा के साथ लोगों ने पसंद किया। उन्होंने 1987 में मिथुन चक्रवर्ती के साथ 'डांस डांस' में काम किया, जो दर्शकों को पसंद आई। इसी साल उन्होंने गोविंदा के साथ 'प्यार करके देखो' में काम किया। इस फ़िल्म का जादू भी दर्शकों पर चल गया।
मंदाकिनी उस दौर की सबसे खूबसूरत अभिनेत्रियों में शुमार थीं। ऐसे में उनकी खूबसूरती पर अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम की नजर पड़ गई। दोनों के रिश्ते की अफवाह तेजी से इंडस्ट्री में फैलने लगी। 1994 में जब दोनों की एक साथ वाली तस्वीरें सामने आई तो बॉलीवुड में हलचल मच गई। उस समय दाउद की बॉलीवुड में काफी दिलचस्पी थी। सुना तो ये भी जाता है कि वो कई फ़िल्मों में पैसा भी लगाता था। ख़बरों की मानें तो 1995 में वो दाउद से अलग हो गईं। हालांकि, दाउद से जुड़ी हर बात को मंदाकिनी ने अफवाह बताया। दाउद के साथ नाम जुड़ने से मंदाकिनी के फ़िल्मी करियर पर भी असर पड़ा। कभी अंडरवर्ल्ड के इस डॉन से पूरा बॉलीवुड थर्राता था, ऐसे में कई डायरेक्टर्स मंदाकिनी के साथ काम ही नहीं करना चाहते थे। यही वजह रही कि जिस मंदाकिनी ने 1985 से 1990 तक 37 फिल्मों में काम किया, उन्हें 1991 से 1996 तक महज 2 फिल्में मिलीं। 1996 में आई 'जोरदार' उनके करियर की आखिरी फ़िल्म साबित हुई।
मंदाकिनी ने फ़िल्मी करियर से 1996 में संन्यास ले लिया। इसकी बड़ी वजह उन्हें फिल्में नहीं मिलना भी रही। ऐसे में उन्होंने अपना घर बसाने का फैसला किया और मशहूर डॉक्टर कग्यूर टी. रिनपोचे ठाकुर के साथ उन्होंने 1996 में ही शादी रचा ली। रिनपोचे ठाकुर मर्फी बेबी के नाम से साथ काफी फेमस हुए थे। वही मर्फी जिसका जिक्र रणवीर कपूर ने फ़िल्म 'बर्फी' में किया है। मंदाकिनी-रिनपोचे की बेटी राबजी इनाया ठाकुर हैं।
साल 2010 में इनकी ज़िंदगी में एक दर्दनाक हादसा तब हुआ जब इनके बेटे राबिल ठाकुर की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। फिलहाल, मंदाकिनी अपने पति डॉक्टर कग्यूर टी. रिनपोचे ठाकुर के साथ मुंबई में ही रहती हैं। मंदाकिनी एक तिब्बती हर्बल सेंटर चलाती हैं साथ ही वो दलाई लामा की फॉलोअर भी हैं।
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