यहां कि महिलाएं अपने शरीर पर नही बल्कि अपनी ओढऩी पर अपना नाम और करीबी रिश्तेदार का मोबाइल नंबर की कढ़ाई करवाने लगी हैं।
फिल्म गजनी तो आपने देखी ही होगी इस फिल्म के मुख्य किरदार की याददाश्त बेहद कमजोर होने के कारण वह लोगों के नाम व नंबर अपने शरीर पर ही नोट कर लेता था। नाम और नंबर लिखने का ये तरीका उदयपुर के सुदूर कोटड़ा क्षेत्र की आदिवासी महिलाओं ने भी अपना लिया है लेकिन ये भूलने की लत के कारण नही बल्कि पहचान और अपनेपन के भाव को बेहतर करने का एक तरीका है।
राजस्थान पत्रिका के अनुसार यहां कि महिलाएं अपने शरीर पर नही बल्कि अपनी ओढऩी पर अपना नाम और करीबी रिश्तेदार का मोबाइल नंबर की कढ़ाई करवाने लगी हैं। ये अपनी सुविधा, खुद की पहचान और करीबी के प्रति अपनेपन का अनूठा अंदाज है।
जानकारों के अनुसार समय के साथ आदिवासी क्षेत्रों में भी बदलाव की बयार बह रही है। यहां की अनपढ़ महिलाओं में अपनेपन की भावना कूट-कूटकर भरी हुई है। ऐसे में उन्होंने याददाश्त के लिए नया तरीका अपनाया है। पढ़े-लिखे लोग जहां फोन नंबर अपने मोबाइल में फीड कर लेते हैं और जरूरत पर डायल कर बात कर लेते हैं। वहीं इन आदिवासी महिलाओं ने मोबाइल नंबर संभालने के लिए ओढऩी पर ही बेटे व परिजनों के नंबर कसीदे से कढ़वा लिए हैं।
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