टोक्यो. जापान समेत पूरी दुनिया के लिए बड़ा संकट बने फुकुशिमा परमाणु संयंत्र से होने वाले विकिरण पर काबू पाने में दिन-रात जुटे कर्मचारियों ने माना है कि वो एक ‘सुसाइड मिशन’ पर हैं। इन जांबाज तकनीशियनों ने अपने परिजनों को दिल दहला देने वाले संदेश भेजे हैं जिसमें कहा गया है कि उनकी किस्मत सजा-ए-मौत की तरह है। घातक विकिरण की चपेट में आए एक बचावकर्मी ने अपनी पत्नी को भेजे संदेश में लिखा है, ‘तुम जीती रहो लेकिन मैं अब घर नहीं लौट सकता।’परमाणु संयंत्र से हो रहे रेडिएशन का स्तर खतरनाक ढंग से बढ़ जाने के बाद वहां से 700 कर्मचारी जान बचा कर भाग निकले हैं और अब वहां महज 200 कर्मी ही बचे हैं जो 50-50 के समूहों में बारी-बारी से तकनीकी गड़बड़ी दुरुस्त करने में जुटे हैं। फुकुशिमा संयंत्र से होने वाले रेडिएशन का स्तर इस कदर बढ़ गया है कि इसकी चपेट में आने पर मौत या गंभीर बीमारी हो सकती है।फुकुशिमा संयंत्र से विनाशकारी रेडिएशन का रिसाव रोकने के लिए इंजीनियरों ने आखिरी विकल्प के तौर पर बालू और कंक्रीट से रिएक्टर को पाटने का काम शुरू कर दिया है। 1986 में यूक्रेन के चेर्नोबिल में हुए भीषण हादसे के दौरान विकिरण फैलने से रोकने के लिए यह तरीका अपनाया गया था। इंजीनियरों को उम्मीद है कि वो कम से कम दो रिएक्टरों में बिजली की सप्लाई बहाल करने में कामयाब होंगे जिससे परमाणु ईंधन की छड़ों को गर्म होने से बचाने के लिए पानी के पंप चालू किए जा सकें। इससे पहले दमकलकर्मियों ने रिएक्टर को ठंडा रखने के लिए हेलीकॉप्टर के जरिये पानी का छिड़काव किया।
जानकारों का कहना है कि प्लांट को बेहतर ढंग से जानने वाले तकनीशियनों और राहत कार्य में जुटे दमकलकर्मियों ने जो पोशाक पहन रखी है वह विकिरण से खतरे से पूरी तरह महफूज रखने के लिए काफी नहीं है। ऐसे ही कर्मचारियों के एक परिजन ने कहा, ‘मेरे पिता अब भी उस प्लांट में काम कर रहे हैं। उन्होंने अब यह मान लिया है कि वह जिंदा नहीं बच सकेंगे।’ फुकुशिमा रिएक्टर में काम कर रहे एक अन्य कर्मचारी की बेटी ने कहा कि उसके पिता छह महीने में रिटायर होने वाले हैं लेकिन वो अपनी मर्जी से प्लांट में काम कर रहे हैं। इस प्लांट में काम करने वाले एक अन्य कर्मचारी की बेटी ने ट्विटर पर लिखा है, ‘मैंने अभी तक अपनी मां को इस तरह बिलखते हुए नहीं देखा।’‘द डेली मेल’ के मुताबिक रिएक्टर में डटे कर्मचारियों में पांच की मौत हो चुकी है जबकि दो लापता बताए जाते हैं। करीब 21 लोगों के घायल होने की भी खबर है। पिछले शुक्रवार को यहां आए भूकंप और सुनामी की चपेट में आकर मरने और लापता होने वालों की संख्या 16 हजार के करीब पहुंच गई है।इस भूकंप से फुकुशिमा शहर स्थित परमाणु संयंत्रों के न्यूक्लियर रिएक्टरों की बिजली आपूर्ति बाधित होने से कूलिंग सिस्टम ने काम करना बंद कर दिया था। आपात काल के लिए रखे गए जेनरेटर्स को भी मौके पर किसी तकनीकी दिक्कत की वजह से चालू ना कर पाने की वजह से न्यूक्लियर रिएक्टरों में दबाव बढ़ता गया और धमाके व आग लगने के हालात पैदा हो गए। तब से इस परमाणु संयंत्र में एक के बाद एक धमाके हो रहे हैं और परमाणु संयंत्र पिघलने की कगार पर आ गया है।
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