Monday, March 21, 2011

ये रही विश्व की सबसे बड़ी हीरों की खान



दुनिया की सबसे बड़े हीरों की खान रूस के पूर्वी साइबेरिया क्षेत्र के मिरना शहर में है। हीरों की यह खान 525 मीटर गहरी है और इसका व्यास 1200 मीटर का है। यह खान इतनी बड़ी और विशाल है कि इसके ऊपर के हवाई क्षेत्र को हेलीकॉप्टरों के लिए बंद कर दिया गया है। कई बार ऐसे वाक्ये हुए हैं कि खान के अंदर हवा के दवाब के चलते हेलीकॉप्टर ही अंदर खिंचा चला गया हो।खान के विशाल साइज का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसके अंदर जाने वाल ट्रक किसी बिंदू के समान दिखाई देता है। इस खान की सुरक्षा के मद्देनजर किसी भी बाहरी व्यक्ति को शहर में घुसने की अनुमति नहीं है। विशेष अनुमति लेने के बाद ही बाहर के लोगों को शहर में प्रवेश दिया जाता है।हीरों की इस खान की खोज रूस के जियोलॉजिस्ट यूरी खबारदीन ने 1955 में की थी। इस खोज के लिए खबारदीन को 1957 में लेनिन पुरस्कार से भी नवाजा गया था। सोवियत यूनियन के समय में लेनिन पुरुस्कार यूएसएसआर के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक था।बेहड़ कठोर वातावरण के बीच 1957 में इस खान के विकास का काम शुरु हुआ था। इस इलाके में सात महीने कड़ाके के ठंड पड़ती है जो जमीन पर बर्फ की परत जमा देती है। सर्दियों के दौरान सतह पर कठोर पत्थर जैसी बर्फ होती है जो गर्मियों के कीचड़ में बदल जाती है। इसलिए यहां इमारतों को ठोस आधार देकर बनाया गया है ताकि गर्मियों के दौरान बर्फ के पिघलने पर ये धंस न जाएं। कठोर जलवायू के कारण ही डायमंड प्रोसेसिंग प्लांट को खान से करीब 20 किलोमीटर दूर बनाया गया है।इस खान को खोदना कितना मुश्किल काम था इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सर्दियों के दौरान यहां कारों के टायर और स्टील तक चटक जाती हैं। मशीनरी का इंजन आयल जम जाता है। भीषण सर्दियों के दौरान खान की खुदाई के लिए कामगर जैट इंजनों का इस्तेमाल करते थे। डायनामाइट से ब्लास्ट कर बर्फ की कठोर परतों को तोड़ा जाता था ताकि जमीन के नीचे मौजूद किमबरलाइट धातु तक पहुंचा जा सके। यही नहीं रात के दौरान पूरी खान को ऊपर से ढकना पड़ता था ताकि तापमान में गिरावट से मशीने खराब न हो जाएं।

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